21 साल बाद बिजली के स्विचबोर्ड में मिला 32 कैरेट का चोरी किया गया हीरा

मामला 2002 का है। जब हीरे के मालिक दक्षिण कोलकाता निवासी प्रणब कुमार रॉय हीरे के लिए एक वैलूअर की तलाश कर रहे थे। उसी साल जून में हीरा दलाल इंद्रजीत तापदार एक वैलूअर के साथ प्रणब कुमार रॉय के घर पहुंचे। बाद में उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने सोने की अंगूठी में लगे हीरे को लेकर बातें कहीं। उस समय वैलुअर बनकर आये व्यक्ति ने पिस्तौल निकाली और हीरे अपने दूसरे साथी को दे दी।
 
32 कैरेट के हीरे

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

कोलकाता, 14 अगस्त:- कोलकाता में 32 कैरेट गोलकुंडा हीरे की चोरी की अजब कहानी सामने आयी है। हीरे की चोरी के बाद कोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई, जो पिछले सप्ताह कोलकाता की अदालत में समाप्त हुई। इस चोरी में क्राइम, सस्पेंस, थ्रिलर और जासूसी सभी शामिल हैं। बंदूक की नोक पर डकैती हुई, चोर हीरे को उड़ा ले गये और पुलिस की निरर्थक तलाश करती रही और अंततः सीढ़ी के नीचे स्विचबोर्ड में चोरी किया गया हीरा मिला। वही कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद हीरे को उसके असली मालिक को सौंप दिया। पिछले हफ्ते हीरे को उसके मालिक को सौंपते समय जज इसकी तुलना फेलुदा क्लासिक ‘जॉय बाबा फेलुनाथ’ से करने से खुद को नहीं रोक सके।

जॉय बाबा फेलुनाथ क्यो बोला जज ने- बता दें कि ‘जॉय बाबा फेलुनाथ’ प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की प्रसिद्ध फिल्म है, जिसमें कीमती वस्तु एक दुर्गा मूर्ति के शेर के मुंह के अंदर छिपा कर रखी गई थी। लगभग तीन इंच ऊंची मूर्ति को चोर छिपा दिया था। अंत में फेलूदा ने अपनी तार्किक बुद्धि से उसे मूर्ति का पता लगा लेता है। यह फिल्म सत्यजीत रे की कालजयी फिल्मों में से एक है। यहां, हीरा, जिसकी कीमत वर्तमान में लगभग 15 करोड़ रुपये है, को चोर ने एक सीढ़ी के नीचे एक स्विचबोर्ड के अंदर छिपा दिया था।

2002 में हुई थी हीरे की चोरी- बता दें कि यह मामला 2002 का है। जब हीरे के मालिक दक्षिण कोलकाता निवासी प्रणब कुमार रॉय हीरे के लिए एक वैलूअर की तलाश कर रहे थे। उसी साल जून में हीरा दलाल इंद्रजीत तापदार एक वैलूअर के साथ प्रणब कुमार रॉय के घर पहुंचे। बाद में उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने सोने की अंगूठी में लगे हीरे को लेकर बातें कहीं। उस समय वैलुअर बनकर आये व्यक्ति ने पिस्तौल निकाली और हीरे अपने दूसरे साथी को दे दी। पुलिस ने बताया कि हीरे लेने के बाद रॉय की तपदार के साथ हाथापाई हो गई। इस दौरान वहां खड़ा एक दूसरा आदमी उन पर कूद पड़ा और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। उसके बाद, दोनों रॉय के पास मौजूद हीरा लेकर भाग गए।

पुलिस ने रखी तलाश जारी- मामला जब पुलिस के पास गया तो पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की, बाद में तापदार की तलाश पुलिस ने कर ली, लेकिन भले ही पुलिस को तपादार मिल गया, लेकिन बार-बार तलाशी के बाद भी पुलिस को हीरा नहीं मिला। लेकिन पुलिस भी हार नहीं मानने वाली थी, उसने अपनी तलाशी जारी रखी और तलाशी लेते-लेते उन्हें एक दिन वह हीरा मिल गया। हीरो को सीढ़ी के नीचे मीटर बॉक्स के पास स्विचबोर्ड के अंदर छिपा दिया गया था। तलाशी के लिए जाते वक्त पुलिस वाले हर बार उस जगह से गुजरे थे, लेकिन किसी ने वहां देखने के बारे में सोचा नहीं था, लेकिन अंततः पुलिस ने इस चोरी का पर्दाफाश किया और चोर की गिरफ्तार करने में सफल रही। इस मामले की कोर्ट में लंबी लड़ाई चली और जिस तरह से यह सब सामने आया और हीरा बरामद हुआ। न्यायाधीश आनंद शंकर मुखोपाध्याय ने इस चोरी की तुलना’जॉय बाबा फेलुनाथ’ के साथ की।