गहलोत सरकार की ज्योति भारद्वाज ने 2 दिन में खरीदे पांच करोड रुपए कीमत के 26 फ्लैट

जयपुर सचिवालय में वित्तीय सलाहकार के पद पर तैनात ज्योति भारद्वाज ने 2 दिन में ही पांच करोड रुपए कीमत के 26 फ्लैट खरीद डाले। चौंकाने वाली बात यह थी की बड़े पद पर होने के बावजूद महिला अधिकारी ने 15 फ्लैट खुद के नाम और 11 फ्लैट अपने बेटे रोशन वशिष्ठ के नाम दो दिन में ही रजिस्ट्री करवाई। रजिस्ट्री करवाने में जल्दबाजी इतनी दिखाई की अधिकारियों से सांठ-गांठ कर 48 घंटे में ही महिला अधिकारी ने रजिस्ट्री करवा ली।
 
भ्रष्टाचार

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

राजस्थान, 17 सितंबर:- राजस्थान में भ्रष्टाचार पर नकेल के दावे करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सभी दावे फेल हो रहे हैं। ताजा मामला जयपुर सचिवालय में तैनात वित्तीय सलाहकार के बड़े भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है, जहां महिला अधिकारी द्वारा आय से अधिक संपत्ति का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले के अनुसार जयपुर सचिवालय में वित्तीय सलाहकार के पद पर तैनात ज्योति भारद्वाज ने 2 दिन में ही पांच करोड रुपए कीमत के 26 फ्लैट खरीद डाले। चौंकाने वाली बात यह थी की बड़े पद पर होने के बावजूद महिला अधिकारी ने 15 फ्लैट खुद के नाम और 11 फ्लैट अपने बेटे रोशन वशिष्ठ के नाम दो दिन में ही रजिस्ट्री करवाई। रजिस्ट्री करवाने में जल्दबाजी इतनी दिखाई की अधिकारियों से सांठ-गांठ कर 48 घंटे में ही महिला अधिकारी ने रजिस्ट्री करवा ली।

कौन है ज्योति भारद्वाज- वहीं, सामने आया की फ्लैटों की रजिस्ट्री में ज्योति भारद्वाज ने जो चेक दिए। उन्हें आज डेढ़ साल बाद भी बैंक से कैश नहीं करवाया गया, सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा राज्य सरकार को हर साल दिए जाने वाले अपने संपत्ति की जानकारी में भी ज्योति भारद्वाज ने इन फ्लैट्स का कहीं कोई जिक्र नहीं किया। इन फ्लैट्स की जानकारी छुपाई। सरकार को दिए विवरण में ज्योति भारद्वाज ने सिर्फ तीन मकान बताएं जिनमें एक मकान पति द्वारा लोन और दूसरे दो मकान पर खुद के लोन से लेना बताया गया। सभी 26 प्लाटों की रजिस्ट्री जयपुर के मानसरोवर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में हुई, बताया जा रहा है कि इन फ्लैटों की कीमत 4 करोड़ 71 लख रुपए है। फ्लैटों की रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी के करीब 30 लाख रुपए चुकाए गए। ज्योति भारद्वाज फिलहाल शासन सचिवालय जयपुर में कार्मिक विभाग के स्टोर डिपार्टमेंट में सामान खरीदने की प्रभारी अधिकारी के तौर पर वित्तीय सलाहकार के पद पर तैनात हैं। ज्योति भारद्वाज अलवर में भी लंबे समय तक जिला कोषाधिकारी और मत्स्य यूनिवर्सिटी में वित्तीय नियंत्रक के मलाईदार पद पर रह चुकी हैं।

5 करोड़ का पेमेंट कहां से आया- ज्योति भारद्वाज फिलहाल शासन सचिवालय जयपुर में कार्मिक विभाग के स्टोर डिपार्टमेंट में सामान खरीदने की प्रभारी अधिकारी के तौर पर वित्तीय सलाहकार के पद पर तैनात हैं। ज्योति भारद्वाज अलवर में भी लंबे समय तक जिला कोषाधिकारी और मत्स्य यूनिवर्सिटी में वित्तीय नियंत्रक के मलाईदार पद पर रह चुकी हैं। सभी 26 फ्लैट मानसरोवर लिंक रोड के जेडीए मार्केट स्थित बोनी बिल्डटेक के डायरेक्टर अजय सिंह से खरीदे गए हैं। इन सभी फ्लैटों को खरीदने में कोई भी लोन नहीं लिया गया, तो बड़ा सवाल यह उठता है की करीब 5 करोड़ का पेमेंट कहां से आया। वहीं, जानकारी में सामने आया कि बिल्डर को दिए गए चेक जिनको डेढ़ साल बाद भी बैंक से भुनाया नहीं गया। सभी चेक डीएलसी रेट पर दिए गए हैं जबकि इन फ्लैटों की वास्तविक बाजार कीमत कई गुना ज्यादा है, बोनी बिल्डर के डायरेक्टर अजय सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे साथ फ्रॉड हुआ है और मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। बोनी के अनुसार ज्योति भारद्वाज द्वारा दिए गए सभी चेक बाउंस हो गए हैं। इस मामले पर ज्योति भारद्वाज ने कहा की बोनी बिल्डर और हमारे बीच यह है बिजनेस डील थी। इसकी जानकारी मेरे पति अरविंद को है, अरविंद से बात करने पर उन्होंने बताया की बोनी बिल्डर को कुछ चेक ज्योति भारद्वाज के दिए गए थे। कुछ चेक मेरे स्वयं के थे, चेक कैश नहीं करने के सवाल पर अरविंद ने बताया कि मेरे और बिल्डर के बीच का मामला है। मामला अभी सब ज्यूडिशियस है।

नही दी संपत्ति की जानकारी- मामला सामने आने के बाद शनिवार को अवकाश के बावजूद वित्त और लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस विषय पर मंथन करने के लिए कार्यालय में बैठे दिखाई दिए। लेखा और कार्मिक विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से हर साल दिए जाने वाले संपत्ति के विवरण में महिला अधिकारी ज्योति भारद्वाज ने 26 फ्लैट को खरीदने की जानकारी क्यों नहीं दी। अब ज्योति भारद्वाज को विभाग द्वारा नोटिस देने की तैयारी की जा रही है, मगर सवाल यह उठता है कि ज्योति भारद्वाज के खिलाफ अभी तक विभाग द्वारा कोई एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करवाई गई।