कलयुग का श्रवण कुमार- माँ के इलाज के लिए नही थे पैसे, अस्पताल पहुंचकर अपनी किडनी बेचने की पेशकश कर डाली
ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
नेशनल, 12 मई:- आज के समय मे भी श्रवण कुमार मिलते है, झारखंड में भी आज एक कलयुग के श्रवण कुमार की चर्चा जोरों पर है। दरअसल बचपन में ही पिता की मौत के बाद गरीबी का दंश झेल रहे बिहार के गया जिले के रहने वाले दीपांशु कुमार की मुसीबत उस वक्त बढ़ गई, जब उसकी माँ का काम करने के दौरान फिसल कर गिरने से पैर टूट गया। पैसों के अभाव में मां का इलाज करा पाना जब दीपांशु के लिए मुसीबत बन गया, तब उसने अपने आपको मां के प्रति समर्पित करते हुए रांची के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में पहुंचकर अपनी किडनी बेचने की पेशकश कर डाली। वहीं, नाबालिग बच्चे की ओर से किडनी बेचे जाने की सूचना मिलते ही पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया। इस दौरान प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने नाबालिग युवक दीपांशु को बताया कि इस तरह की किडनी बेचना एक गैर कानूनी अपराध है। इसके लिए उसे दंड नहीं है सजा मिल सकती है। जबकि, नाबालिग एक ही रट लगाए था कि उसके पास पैसे नहीं है। चूंकि, उसे अपनी मां के टूटे हुए पैर का इलाज कराना है।
न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर विकास ने अपने ट्विटर पर लिखा- इसी बीच इस पूरे मामले की जानकारी किसी ने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में तैनात न्यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर विकास को दी। पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर विकास में इस बच्चे की एक वीडियो अपने टि्वटर हैंडल पर डाला है, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद सहित बिहार पुलिस और प्रशासन को भी टैग किया है। वहीं, रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर विकास ने नाबालिग दीपांशु की मां के टूटे पैरों का इलाज रिम्स अस्पताल में करवाने की जिम्मेदारी ली है। डॉक्टर विकास की ओर से पेश की गई दरियादिली के बाद नाबालिग युवक दीपांशु अपनी मां का इलाज कराने के लिए उन्हें लेने वह बिहार के गया जिले अपने गांव गया हुआ है। हालांकि, अब जल्द ही उसकी मां का रांची के रिम्स अस्पताल में बेहतर इलाज हो सकेगा।