आजादी के बाद से एक पुल के लिए तरस रहे है ग्रामीण, जान जोखिम में डालकर करते है नदी और नाला पार

ग्रामीणों का बारिश में इस तरह रोज़ मौत से दो चार होते रहते है। जब गांव की बेटे बेटियां नदी पार करके जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाते है तो मां बाप के हलक सूखे रहते जब कि वह सही सलामत घर स्कूल से पढ़कर वापिस न आ जायें।
 
आजादी के बाद से एक पुल के लिए तरस रहे है ग्रामीण, जान जोखिम में डालकर करते है नदी और नाला पार
रिपोर्ट- दिनेश विश्वकर्मा नरसिंहपुर मप्र

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

मध्यप्रदेश, 23 सितंबर:- नरसिंहपुर के गाडरवारा शहर से लगा ग्राम घूरपुर की सीतारेवा नदी में आजादी के बाद से अभी तक नही बना नदी पर पुल, जिसकी वजह से गाँव की बेटियां अपनी जान जोखिम में डालकर करती है नदी और नाला पार। तब जाकर गाडरवारा शहर में पढ़कर अपना भविष्य संवार रही बेटियां। कई बार नदी में बह जाने से कई ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है। उसके बाद भी सरकारे आई और गई किसी ने नदी पर पुल नही बनाया। अपनी जान जोखिम में डालकर ग्राम घूरपुर की बेटे और बेटियां नदी और नाला पार करके पढ़ने के लिए जाती है। वहीं ग्रामीण उफनते नाले पर से निकाल रहें बाइकें बिचलित कर देती है।

किस तरह उफनते नाले में से मोटरसाइकिल लेकर नदी पर कर रहे ग्रामीणों का बारिश में इस तरह रोज़ मौत से दो चार होते रहते है। जब गांव की बेटे बेटियां नदी पार करके जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाते है तो मां बाप के हलक सूखे रहते जब कि वह सही सलामत घर स्कूल से पढ़कर बापिस न आ जायें कई गांव की बेटियां पढ़ना-लिखना भी छोड़ देती है।