सावधान रहें ! चिप व रिमोट के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तराजू (इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीनों) में भी धोखाधड़ी होती है।

एसटीएफ लखनऊ ने चिप व रिमोट के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तराजू (इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीनों) में धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 23 अगस्त।
यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो चिप व रिमोट के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तराजू (इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीनों) में छेड़खानी कर लोगों को चूना लगाते हैं।

इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से इलेक्ट्रानिक तराजू, चिप, रिमोट व अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।

एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि रिमोट से घटतौली की सूचना के आधार पर गल्ला दुकानदार लालबहादुर, हरमीत सिंह उर्फ प्रीत और राम विलास साहू को नगराम के ग्राम अमवा मुर्तजापुर, लखनऊ और दिनेश उपाध्याय को बाराबंकी के ग्राम गौरवा उस्मानपुर से गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों ने बताया कि इन मशीनों के अंदर डबल सेटिंग की क्षमता होती है और इनमें एक गोपनीय बटन दबाने से इच्छानुसार तौल को सेट किया जा सकता है।

आरोपियों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक तराजुओं के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड में ही ऐसी प्रोग्रामिंग की जाती है जिससे कि उसे दो अलग-अलग मानक पर सेट किया जा सके। इसे गोपनीय बटन या रिमोट कहते हैं। इससे पलक झपकते ही एक मानक से दूसरे मानक पर सेटिंग को परिवर्तित किया जा सकता है।

तौल के दौरान शंका होने पर जब ग्राहक लोहे की बाट से इलेक्ट्रॉनिक तराजू का सत्यापन करने को कहता है तो दुकानदार रिमोट से पलभर में तराजू को सही मानक पर सेट कर देता है। ग्राहक के संतुष्ट होने पर वह फिर रिमोट या इलेक्ट्रॉनिक तराजू में लगे गोपनीय बटन से इसे घटतौली के मानक पर सेट कर देता है।

आईजी ने बताया कि धर्मकाटों, लोहा व गल्ला मंडियों व किराना की दुकानों में बड़े पैमाने पर ऐसी मशीनों के इस्तेमाल की जानकारी सामने आई है। इनका और विवरण पता लगाया जा रहा है।