प्रतापगढ़ के कोरोना माता के मंदिर केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कोर्ट ने लगाया जुर्माना।।

 
प्रतापगढ़ के कोरोना माता के मंदिर केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कोर्ट ने लगाया जुर्माना।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 10 अक्टूबर:- इसे आस्था कहे कि अंधविश्वास जब लोगो ने अंधविश्वास के चलते कोरोना काल मे कोरोना माता के मंदिर का निर्माण करवा दिया और कोरोना माता की मूर्ति लाकर स्थापित कर दी। इस मामले की गूंज चारो तरफ फैली और लोग उत्सुकतावश यह देखने आने लगे कि जिस महामारी से पूरा विश्व उस वक्त पीड़ित था, तो उस महामारी के दौर में अंधविश्वास के चलते कोरोना माता का रूप देकर मंदिर का निर्माण करवा दिया गया। पर यह पाखंड बहुत दिनों तक नही चला और प्रशासन ने इस मंदिर को 11 जून को ढहा दिया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका याचिका खारिज कर दी गई है, और कोर्ट ने 5 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि चार सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश भी दिया है। न्यायमुर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने याचिका खारिज की।

कहाँ था विश्व का इकलौता कोरोना माता का मंदिर:- आपको बता दे कि सांगीपुर थाना छेत्र के जूही शुकुलपुर गांव में बनाया गया था विश्व का इकलौता कोरोना मंदिर। 7 जून को निर्मीत मंदिर को प्रशासन ने 11 जून को ढहा दिया था। प्रतापगढ़ जनपद के सांगीपुर के पास जूही गांव में स्थापित कोरोना माता की मूर्ति स्थापित करके कोरोना माता के मंदिर का ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके मंदिर बनवाया था। कोरोना महामारी के प्रति लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से बनवाया गया था मंदिर। लोगो मे चर्चा का विषय था कोरोना माता का मंदिर।

अंधविश्वास और डर ने महामारी को दिया देवी का स्वरूप:- कोरोना महामारी को देवी का स्वरूप मानते हुए ग्रामीणों के सहयोग से कोरोना माता की मूर्ति की स्थापना की गई है। कोरोना माता के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुँचने लगी थी। सांगीपुर इलाके के जूही (शुकुलपुर) गांव में लोकेश श्रीवास्तव की पहल के बाद ग्रामीणों के बीच बनी आमसहमति के आधार पर गांव में कोरोना माता को देवी का स्वरूप मानते हुए कोरोना माता के मूर्ति की स्थापना कराई गई थी।

अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहा था मंदिर:- गांव में कोरोना से तीन मौत और कई ग्रामीणों का कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ग्रामीणों में आई दहशत के कारण अब दवा के साथ-साथ दुआ की तलाश भी शुरू कर दी और कोरोना ने जेहन में इस कदर डर पैदा किया की ग्रामीणों ने आस्था की राह अपना ली थी।

मंदिर का निर्माण जमीन पर कब्जा करने के लिए किया गया था:- नोएडा में रहने वाले लोकेश के स्वामित्व ज़मीन पर नागेश कुमार श्रीवास्तव और जय प्रकाश श्रीवास्तव के साथ है। मंदिर निर्माण के बाद यह गांव से नोएडा चला गया। नागेश ने पुलिस को दी गई सूचना में बताया कि यह मंदिर का निर्माण जमीन पर कब्जा करने के लिए कराया गया है।।