सौ करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के मामले में 10 अधिकारी कर्मचारी निलंबित। सभी के खिलाफ एफआईआर।

सहारनपुर सहित पांच जिलों के देसी शराब की थोक आपूर्ति के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है।
सौ करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के मामले में 10 अधिकारी कर्मचारी निलंबित। सभी के खिलाफ एफआईआर।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 7 मार्च।
सहारनपुर में 100 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के मामले में 10 अधिकारी कर्मचारी निलंबित। सभी के खिलाफ एफआईआर।

सहारनपुर में टपरी कोऑपरेटिव डिस्टलरी में आबकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से 100 करोड़ रुपए की एक्साइज ड्यूटी की चोरी पकड़े जाने के मामले में सहारनपुर मंडल के उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार चतुर्वेदी, सहायक आबकारी आयुक्त रामपाल सहित आबकारी विभाग के दस अधिकारी व कर्मचारी निलंबित किए गए।

इसके साथ ही सहारनपुर सहित पांच जिलों के देसी शराब की थोक आपूर्ति के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है।

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि  इस मामले में आबकारी विभाग के 10 कर्मी निलंबित किए गए हैं। साथ ही टपरी डिस्टलरी से सम्बंधित सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गयी है।

इसके अलावा पांच जिलों सहारनपुर, कानपुर, उन्नाव, बदायूं और संभल के देसी शराब की थोक आपूर्ति के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं।

निलंबित होने वालों में टपरी डिस्टलरी के प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त के अलावा आबकारी गोदामों के पांच आबकारी निरीक्षक – सहारनपुर के आबकारी निरीक्षक अरविन्द कुमार वर्मा, उन्नाव के रवीन्द्र किशोर, बदायूं के रामजीत, संभल के पवन कुमार शर्मा और कानपुर की आबकारी निरीक्षक ज्योति सिंह शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि एडीजी अमिताभ यश के निर्देश पर एसटीएफ की टीम ने विगत तीन मार्च को कोऑपरेटिव कंपनी लिमिटेड टपरी सहारनपुर, स्थानीय आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों तथा को-ऑपरेटिव फैक्ट्री टपरी में नियुक्त आबकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में टैक्स एवं एक्साइज ड्यूटी की चोरी का पर्दाफाश किया। एसटीएफ के छापे में आठ लोग गिरफ्तार किए गए।

एसटीएफ ने को-आपरेटिव कंपनी लिमिटेड टपरी में छापा मारकर कंपनी के एक दर्जन अधिकारियों-कर्मचारियों, ट्रांसपोर्टरों और लोकल डिस्ट्रीब्यूटरों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की थी।

उनसे मिली सूचना के आधार पर जब आबकारी विभाग के कानपुर-लखनऊ मार्ग पर स्थित आबकारी गोदाम पर छापेमारी की गई, वहां पर भारी अनियमितता प्रकाश में आई।

प्राथमिक जांच में पता चला कि एक टैक्स इनवॉइस या गेटपास पर एक ही गाड़ी से दो बार शराब निकालकर वेयर हाउसों पर पहुंचाई जा रही थी। इससे को-आपरेटिव कंपनी लिमिटेड टपरी के अधिकारी, कर्मचारियों एवं लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा एक बार में लगभग 32 लाख रुपए की टैक्स चोरी की जा रही थी।