यूपी चुनाव: समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, 17 विधायक थाम सकते हैं बीजेपी का दामन।

 
यूपी चुनाव: समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, 17 विधायक थाम सकते हैं बीजेपी का दामन।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

जैसे जैसे यूपी विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है भाजपा सहित तमाम राजनैतिक दल अपनी सियासी बिसात बिछाने में जुट गए हैं । विगत 7 वर्षों में अब तक 2 लोकसभा सहित एक विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में हुए हैं जिसमे भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। एक बार फिर विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज होते ही भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत विरोधी पार्टियों में सेंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों से आ रही खबरों के अनुसार समाजवादी पार्टी के 17 विधायक सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। सेंधमारी भाजपा के सीक्रेट प्लान का वो हिस्सा है जो दूसरे दलों के विधायक को अपने खेमे में शामिल कर जीत का परचम लहराने का कार्य करता है। भाजपा के चाणक्य काहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ ऐसी ही रणनीति तैयार की है और इसके संकेत भी हाल ही में समाजवादी पार्टी के विधायक सुभाष पासी के भाजपा में शामिल होने के साथ ही मिलने लगे हैं। सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी के लगभग 17 विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसकी पुष्टि खुद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक न्यूज चैनल पर की थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने सेंधमारी के फार्मूले को अपनाकर बीएसपी, कॉंग्रेस सहित सपा में जबरदस्त सेंधमारी कर अपनी सरकार बनाई थी। 2014 में बसपा के राज्यसभा सदस्य रहे एस पी सिंह बघेल ने बीजेपी जॉइन की थी। वहीं 2015 में बसपा के कद्दावर नेता दारा सिंह चौहान, राज्यसभा सदस्य रहे जुगल किशोर, बसपा सरकार में मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह सहित कांग्रेस के ओर से बड़ा चेहरा रहे अवतार सिंह भड़ाना भी भाजपा में शामिल हो गए थे। 2016 की बात करें तो बसपा के बृजेश पाठक, स्वामी प्रसाद मौर्य, भगवती सागर, ममतेश शाक्य, रोशनलाल, रोमी साहनी, रजनी तिवारी, राजेश त्रिपाठी समाजवादी पार्टी से अनिल राजभर, कुलदीप सिंह सेंगर और अशोक बाजपेयी भी भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं आपको याद होगा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी 2017 विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में शामिल हुई थी। इन सबके भाजपा में आने का फायदा भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिला और भाजपा ऐतिहासिक बहुमत के साथ सत्ता में आई। जबकि 2018 में सपा के कद्दावर नेता नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हुए। 2019 लोकसभा चुनाव के पहले बसपा में मंत्री रहे वेदराम भाटी, आरएलडी के पूर्व सांसद सारिका बघेल भी भाजपा में शामिल हुई थी जिसका सीधा फायदा भाजपा को हुआ था। अब देखना ये होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में क्या फिर एक बार भाजपा का सेंधमारी फार्मूला भाजपा को सत्ता तक ले जाएगा या नही।