बेटी और उसके प्रेमी को मोहब्‍बत की सजा में मौत देने वाले हत्यारो को मिली फांसी की सजा

गोविंद दिल्ली में रहकर नौकरी करता था। बेटी आशा के पिता ने उसे शादी के संबंध में कुछ बात करने के बहाने से दिल्ली से फोन करके बुलाया। अगले दिन गोविंद बात करने के लिए आशा के घर पहुंचा। तब आशा के परिवार वालों ने पहले गोविंद की और बाद में आशा की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। इसके बाद आशा के शव को घर के बाहर फेंक दिया।
 
फाँसी की सजा

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

बदायूं, 23 सितंबर:- यूपी के बदायूं में बेटी और उसके प्रेमी को मोहब्‍बत की सजा में मौत देने वाले माता-पिता और दो भाइयों को अदालत ने फांसी की सजा सुना दी है। जिला जज पंकज कुमार अग्रवाल ने चार आरोपियों को दोषी पाते हुये मृत्युदंड की सजा सुनाई। इनमें लड़की की मां, पिता और दोनों भाई शामिल हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी क्रिमिनल अनिल कुमार सिंह राठौर के मुताबिक घटना की रिपोर्ट 14 मई 2017 को थाना वजीरगंज के उरैना गांव के पप्पू ने दर्ज कराई थी। पप्‍पू के मुताबिक गांव के ही विजयपाल, रामवीर, उनके पिता किशनपाल और मां जलधारा ने प्रेम प्रसंग के चलते अपनी बेटी आशा (उम्र 22 वर्ष) और पप्‍पू के बेटे गोविंद (उम्र 24 वर्ष) की कुल्हाड़ी, गड़ासे से काटकर और ईंट पत्थरों से कुचल कर हत्या कर दी।

तत्कालीन थानाध्यक्ष वजीरगज़ राजेश कुमार कश्यप ने इस मामले में विवेचना के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कोर्ट में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। गुरुवार को देर शाम जिला जज पंकज कुमार अग्रवाल ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। गोविंद और आशा के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध था। दोनों की बिरादरी एक होने की वजह से समाज के लोग दोनों की शादी कराने के लिए आगे आए। बताते हैं कि शुरू में दोनों के परिवार वाले भी राजी थे। गोविंद दिल्ली में रहकर नौकरी करता था। बेटी आशा के पिता ने उसे शादी के संबंध में कुछ बात करने के बहाने से दिल्ली से फोन करके बुलाया। अगले दिन गोविंद बात करने के लिए आशा के घर पहुंचा। तब आशा के परिवार वालों ने पहले गोविंद की और बाद में आशा की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। इसके बाद आशा के शव को घर के बाहर फेंक दिया।