17 साल पुराने केस का फैसला होगा आज, जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल सुनाएंगे अपना फैसला

उमेश पाल ने किडनैपिंग का केस 5 जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में दर्ज कराया था, वही साल 2016 में कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से उमेश पाल को नीचे गिराने की कोशिश की गई। एक बार फिर उसका अपहरण करने की बदमाशों ने कोशिश की। हालांकि, पुलिस की मुस्तैदी से बदमाश उमेश का अपहरण नहीं कर सके, इस मामले में कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस केस में भी मुख्य आरोपी अतीक अहमद और अशरफ था।
 
Atiq Ahmed

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रयागराज, 28 मार्च:- उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी माफिया अतीक अहमद अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज पहुंच चुका है, आज उसकी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी होनी है। उमेश अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन उसके ही अपहरण के 17 साल पुराने केस में अतीक अहमद मुख्य आरोपी है। इस केस की सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी है, जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल आज अपना फैसला सुनाएंगे।

अतीक अहमद और उनके गुर्गों पर लगा था अपहरण का आरोप- एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था और ये तय किया था कि 28 मार्च को इस पर फैसला होगा। बसपा के दिग्गज नेता राजू पाल की हत्या 25 जनवरी 2005 को हुई थी, इस दौरान राजू पाल के साथ दो अन्य लोगों ने भी जान गंवाई थी। उनके नाम थे देवीलाल पाल और संदीप यादव। उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड का प्रमुख गवाह था। लेकिन, 28 फरवरी 2006 को बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। आरोप अतीक अहमद और उनके गुर्गों पर लगा। ऐसे भी आरोप लगे कि माफिया अतीक अहमद और उसके गुर्गों ने उमेश का अपहरण कर अपने पक्ष में बयान दिलवाया था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। हालांकि, उस वक्त मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। लेकिन, इस कांड के ठीक अगले साल यानि 2007 में सूबे में बसपा सरकार बनी। फिर उमेश पाल ने किडनैपिंग का केस 5 जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में दर्ज कराया।

2016 में कोर्ट परिसर में हुआ था उमेश पाल पर हमला- उमेश पाल की ओर थाने में की गई शिकायत के अनुसार, प्राथमिकी में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ के नाम हैं। साथ ही अपहरण का आरोप इसरार, आबिद प्रधान, जावेद, फरहान, मल्ली और एजाज अख्तर पर भी लगे थे, इसमें एक आरोपी अंसार अहमद अब इस दुनिया में नहीं है। इस पूरे केस में साल 2009 में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया, इसके बाद केस का ट्रायल कोर्ट में शुरू हुआ। इसके बाद ऐसे भी खबरें सामने आईं कि साल 2016 में कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से उमेश पाल को नीचे गिराने की कोशिश की गई। एक बार फिर उसका अपहरण करने की बदमाशों ने कोशिश की। हालांकि, पुलिस की मुस्तैदी से बदमाश उमेश का अपहरण नहीं कर सके, इस मामले में कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस केस में भी मुख्य आरोपी अतीक अहमद और अशरफ था। हालांकि, केस के ट्रायल को रोकने के लिए अतीक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। वहीं, उमेश पाल हाईकोर्ट चला गया था और केस का जल्द से जल्द निपटारा करने की मांग की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक मुकदमे की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया था। बीते 24 फरवरी को इसी केस की पैरवी से उमेश पाल लौट रहा था, तभी बदमाशों ने गोलियां बरसा कर उसकी हत्या कर दी थी। वहीं, जिला बार एसोसिएशन की ओर से ये जानकारी दी गई है कि एमपी-एमएलए कोर्ट में आज उमेश पाल अपहरण मामले को छोड़कर किसी अन्य मामले में सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट के पीठासीन अधिकारी की ओऱ से जिला अधिवक्ता संघ के मंत्री को इसको लेकर एक पत्र लिखा गया है।