बेटे असद की मौत के बाद भी नहीं टूटा अतीक, मुंछों पर ताव देते हुए बोला एक बार छूटने दो....

असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर के बाद पोस्टमार्टम में पता चला है कि शूटर गुलाम एक ही गोली में ढेर हो गया। वहीं असद की मौत दूसरी गोली लगने से हुई है, उसे पहली गोली पीठ में लगी और सीने को चीरते हुए निकल गई थी। जबकि दूसरी गोली सीने में लगी और दिल को छेदते हुए गले में फंस गई। जबकि शूटर गुलाम को लगी गोली उसकी पीठ को छेदने के बाद सीने को फाड़ कर बाहर निकल गई थी।
 
प्रयागराज
जिस जगह से शुरू हुआ था असद और गुलाम का माफिया बनने का सफर अब उसी जगह होगा दफ्न, खत्म होगा माफिया राज।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रयागराज, 15 अप्रैल:- संगम नगरी को अपने आतंक से दहलाने वाला माफिया अतीक अहमद बेटे असद की मौत के बाद भी नहीं टूटता नजर नहीं आया। अतीक ने उत्तर प्रदेश एटीएस की पूछताछ में आंखें दिखाते हुए मुंछों पर ताव देकर धमकाया, कहा कि एक बार छूटने दो, ️मेरे बेटे को किन पुलिसवालों ने गोली मारी, ️गद्दी की गर्मी क्या होती है मैं बता दूंगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी एटीएस उमेश हत्याकांड को लेकर शुक्रवार 14 अप्रैल को अतीक और उसके भाई अशरफ से प्रयागराज के धूमनगंज थाने में जमीन पर बोरे पर बैठाकर दोनों से सवाल-जवाब हुए। इस दौरान अतीक बार-बार बेटे असद का आखिरी बार चेहरा दिखाने और जनाजे में ले जाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा। कहने लगा कि मेरी पत्नी शाइस्ता से मुझे मिलवा दो, जब यूपी एटीएस ने एक ही सवाल दोबारा पूछा तो माफिया अतीक अपनी आंखे तरेरने लगा।

उमेश पाल की हत्या को लेकर किए अहम खुलासे- धूमनगंज थाने में एटीएस ने अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद से उमेश हत्याकांड को लेकर बोरे पर बैठाकर पूछताछ की। अतीक ने कबूलनामें में बताया कि साबरमती जेल से बैठकर उसने उमेश की मौत का षडयंत्र रचा था, जिसे बेटे असद से एग्जीक्यूट किया। सूत्रों से एक और अहम जानकारी मिली है, बताया गया कि पत्नी शाइस्ता 11 अप्रैल तक अतीक अहमद के संपर्क में थी। इस दौरान अतीक साबरमती जेल में था और शाइस्ता से उसका संपर्क लगातार बना हुआ था। हत्याकांड के लिए अतीक ने पत्नी शाइस्ता परवीन से नया मोबाइल और सिम लेने को कहा गया था। इसके बाद अशरफ को बरेली जेल में यह फोन और सिम मुहैया कराया गया। इसी फोन से अतीक और अशरफ के बीच फोन पर हत्याकांड को लेकर साजिश रची गई, पूरी प्लानिंग के साथ दिनदहाड़े 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या को अंजाम दिया गया।

असद अहमद का चैप्टर संगम नगरी में ही दफन होगा- इस पूछताछ के बाद से उमेश पाल हत्याकांड में माफिया की पत्नी शाइस्ता परवीन की भी भूमिका सामने आ गई है। जेल में जो फोन दिया गया उसी फोन से अशरफ और अतीक के हत्याकांड को लेकर साजिश रची गई। पूरी प्लानिंग के साथ ही दिनदहाड़े 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या की गई। आपको बता दे कि गोलियों की तड़तड़ाहट और बमबाजी से दहलाने वाले उमेश हत्याकांड के आरोपी और माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद का चैप्टर संगम नगरी में ही दफन होगा। उसके साथ ही इस हत्याकांड में शामिल रहे शूटर गुलाम का भी सुपुर्द-ए-खाक यहीं होगा। झांसी एनकाउंटर में ढेर हुए असद-गुलाम को शनिवार के दिन दफनाया जाएगा। असद की कसारी मसारी कब्रिस्तान में कब्र पूरी तरह से तैयार है। गुरुवार 13 अप्रैल रात ही असद की डेड बॉडी लेने उसके खालू यानी मौसा डॉक्टर अहमद (70) झांसी पहुंचे, जबकि गुलाम की डेड बॉडी रिसीव करने उसकी पत्नी के ननिहाल से एक रिश्तेदार मोहम्मद रेहान पहुंचा।