अतीक और अशरफ के हत्यारोपियों की कस्टडी रिमांड आज पूरी, आरोपियों ने बताई वारदात की पूरी कहानी

पांच दिन के रिमांड के दौरान इन बदमाशों ने एसआईटी के सामने कई राज उगले हैं। इसमें आरोपियों ने इस पूरी वारदात की कहानी बताई। हालांकि अभी भी इस वारदात से जुड़े कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब मिलने बाकी हैं। एसआईटी और एसटीएफ आरोपियों द्वारा किए गए खुलासों के आधार पर अब वारदात की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
 
Atiq and Ashraf

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रयागराज, 23 अप्रैल:- माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारोपियों की कस्टडी रिमांड आज पूरी हो रही है, मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी उसे कोर्ट में पेश करेगी, जहां से तीनों आरोपियों को वापस प्रतापगढ़ जेल भेजा गया है। प्रतापगढ़ के जिला जेल में एक बार फिर से माफिया ब्रदर्स अतीक अशरफ के तीनों शूटरो को दाखिल कर दिया गया है। तीनों शूटरों को जेल लाते वक्त रेल फाटक बंद होने की वजह से करीब 10 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान जैसे ही जानकारी एसपी को हुई तत्काल एसपी भी मौके पर पहुंचे और रेल फाटक खुलने के बाद तीनों शूटरों को जिला जेल में ले जाकर दाखिल कराया गया। बता दें कि आज शाम करीब 5:00 बजे तीनों शूटरों की रिमांड पूरी होनी है और इसके बाद उसके ना बैठे की वजह से इन तीनों को आज प्रतापगढ़ जिला जेल में एक बार फिर से लाकर 5:00 बजे के पहले ही दाखिल कर दिया गया। हालांकि इसकी भनक मीडिया को ना लगे इसका पूरा प्रबंध रखा गया और जेल के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती भी रही। आपको बता दे कि पांच दिन के रिमांड के दौरान इन बदमाशों ने एसआईटी के सामने कई राज उगले हैं। इसमें आरोपियों ने इस पूरी वारदात की कहानी बताई। हालांकि अभी भी इस वारदात से जुड़े कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब मिलने बाकी हैं। एसआईटी और एसटीएफ आरोपियों द्वारा किए गए खुलासों के आधार पर अब वारदात की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। पुलिस का मुख्य टारगेट अब वारदात के मास्टरमाइंड तक पहुंचने का है।

आरोपियों ने एसआईटी की पूछताछ में बताया- एसआईटी की पूछताछ शूटर सनी सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। अतीक-अशरफ हत्याकांड के तत्कालबाद मौके से गिरफ्तार बदमाश सनी ने बताया कि तुर्की मेड दो पिस्टल दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर जीतेंद्र गोगी गैंग ने दी थी। इस पिस्टल से उन्हें बदमाश सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की हत्या करनी थी, लेकिन वह बच गया था। ऐसे में अतीक अशरफ की हत्या के लिए उसने इन दोनों पिस्टल का इस्तेमाल किया। सनी ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि उन्हें अतीक अशरफ के मेडिकल की सूचना पहले ही मिल चुकी थी। इसलिए वह वारदात को अंजाम देने के लिए कॉल्विन अस्पताल के बाहर 2 घंटा 20 मिनट पहले ही पहुंच गए थे। इस दौरान इन बदमाशों ने पूरी वारदात की तैयारी की, दो प्लान बनाए, जिसमें यदि किसी कारणवस गाड़ी से उतरते समय इन्हें सफलता नहीं मिलती तो ये अस्पताल में घुसकर दोनों को गोली मारने वाले थे। हालांकि इनकी पहली योजना ही सफल हो गई थी। इसकी पुष्टि अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे से भी हुई है।

वाट्सऐप ग्रुप नाम ऑपरेशन A-A- अतीक अशरफ की हत्या के लिए इन बदमाशों ने एक वाट्सऐप ग्रुप भी बनाया था। इस ग्रुप का नाम ऑपरेशन A-A रखा गया था, इसमें A-A का मतलब अतीक और अशरफ था। इस ग्रुप में कुल पांच सदस्य थे, इनमें इन तीनों बदमाशों के अलावा एक स्थानीय आदमी था, वहीं पांचवां व्यक्ति प्रयागराज से बाहर का था। आरोपियों ने बताया कि वह 27 फरवरी से ही अपने ऑपरेशन के लिए रैकी कर रहे थे, वहीं वारदात से कुछ घंटे पहले ही इन्होंने ग्रुप को डिलीट कर दिया था। वही सनी ने बाकी दोनों आरोपियों अरुण और लवलेश तिवारी से मुलाकात की कहानी भी बताई। कहा कि पानीपत में लूट के मामले में अरुण गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जेल से छूटने के बाद वह दिल्ली आ गया, जहां उन दोनों की मुलाकात हुई। वहीं जीतेंद्र गोगी की हत्या के बाद वह बांदा में छिपकर फरारी काट रहा था, जहां उसकी मुलाकात लवलेश तिवारी से हुई थी। इसके बाद अतीक अशरफ की हत्या का काम मिला तो वह तीनों एक साथ आ गए।

बर्नर फोन का किया इस्तेमाल- पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतीक अशरफ के हत्यारोपी बर्नर फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। इस फोन की मुख्य खासियत यह होती है कि इसकी लोकेशन ट्रैस नहीं होती, इस फोन में बिना सिम कार्ड के कॉल करने और मैसेज करने की सुविधा होती है। संबंधित इनपुट के बाद पुलिस ने आरोपियों से इस संबंध में पूछताछ की है। अब पुलिस इसके सत्यापन का प्रयास कर रही है।

अलकायदा की धमकी को लेकर पुलिस चौकन्नी- अतीक अशरफ के हत्यारोपियों के लिए अलकायदा की धमकी को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस चौकन्नी हो गई है। एक तरफ प्रयागराज कोर्ट में पेशी के दौरान इन आरोपियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, वहीं प्रतापगढ़ जेल में रहने के दौरान जेल की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। इसी के साथ पुलिस ने धूमनगंज थाने की भी सुरक्षा बढ़ाई है, बता दें कि दो दिन पहले ही एक 7 पेज की चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। इसमें दावा किया गया था कि जेहाद के जरिए अतीक के हत्यारों से बदला लिया जाएगा।

क्या होते है बर्नर फोन- बर्नर फोन एक डिस्पोजेबल मोबाइल फोन है जिसे आप अपने मूल उद्देश्य को पूरा करने के बाद फेंक सकते हैं। ये अक्सर बेहद सस्ते पुराने जमाने के फीचर फोन होते हैं जिनका इस्तेमाल आप केवल फोन कॉल करने और टेक्स्ट मैसेज (एसएमएस) भेजने के लिए कर सकते हैं। हालाँकि, वे लंबे समय तक उपयोग करने के लिए नहीं हैं। डिवाइस आमतौर पर प्रीपेड सिम कार्ड के साथ आता है जिसमें क्रेडिट लोड होता है। एक बार क्रेडिट का उपयोग हो जाने के बाद, आप या तो फोन का निपटान कर सकते हैं या अपने वाहक से अधिक प्रीपेड क्रेडिट लोड कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने समय तक डिवाइस का उपयोग करना चाहते हैं। बर्नर फोन का उपयोग करने के प्रमुख कारणों में से एक गोपनीयता है। एक डिस्पोजेबल फोन आपकी पहचान की रक्षा कर सकता है क्योंकि नंबर आपकी वास्तविक दुनिया की पहचान से जुड़ा नहीं है।