प्रेम प्रसंग के दौरान बना शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं- इलाहाबाद हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए माना है कि पीड़ित युवती दुष्कर्म का जो समय बता रही है, उस समय वह बालिग थी और खुद अपनी मर्जी से आरोपी युवक के साथ शारीरिक संबंध बनाया था। ऐसे में इस तरह के संबंध को किसी भी दृष्टि से दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता है।
 
इलाहाबाद हाईकोर्ट

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रयागराज, 20 सितंबर:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेम प्रसंग के दौरान शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एक अहम फैसला दिया है, हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि यह दुष्कर्म नहीं है। हाईकोर्ट ने यह फैसला एक युवती की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है, इसमें युवती ने आरोप लगाया है कि वह एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग में थी। इस दौरान आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर बाद में शादी से इंकार कर दिया। संत कबीर नगर के थाने में दर्ज यह मामला सुनवाई और अपील के क्रम में हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए माना है कि पीड़ित युवती दुष्कर्म का जो समय बता रही है, उस समय वह बालिग थी और खुद अपनी मर्जी से आरोपी युवक के साथ शारीरिक संबंध बनाया था। ऐसे में इस तरह के संबंध को किसी भी दृष्टि से दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने युवती की अर्जी को रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला- मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने आरोपी जियाउल्ला की अर्जी को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है। यह अर्जी निचली अदालत में दाखिल आरोप पत्र को चुनौती देते हुए दाखिल की गई थी। केस डायरी के मुताबिक पीड़ित युवती संत कबीर नगर की रहने वाली है, उसने पुलिस में शिकायत दी थी कि वह साल 2008 में अपनी बहन की शादी के लिए गोरखपुर गई थी। वहीं पर आरोपी से उसकी मुलाकात हुई। फिर दोनों में प्यार हुआ और आरोपी ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया था, पीड़ित युवती ने अपने बयान में कहा था कि कुछ दिन बाद आरोपी के घर वाले उसे व्यापार के लिए सउदी भेज दिए, लेकिन जब वह वापस लौटा तो उसने शादी से इंकार कर दिया।