उमेश पाल हत्याकांड की मास्टरमाइंड शाइस्ता परवीन, कैसे रचा लेडी बाहुबली ने खूनी खेल

अतीक की अनुपस्थिति में शाइस्ता ही इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही थी, वह ना केवल शूटरों के साथ मीटिंग करती थी, बल्कि वह उनके लिए मोबाइल फोन, सिमकार्ड से लेकर पैसे रुपये की व्यवस्था भी खुद करती थी। यह खुलासा अतीक के प्रयागराज स्थित आफिस से गिरफ्तार नियाज अहमद ने की है, पुलिस को पहले भी कई बार इस संबंध में इनपुट मिले हैं। इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं, लेकिन पहली बार अतीक के किसी गुर्गे ने अपने इकबालिया बयान में शाइस्ता का नाम लिया है।
 
Shaista Parveen

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रयागराज, 22 मार्च:- उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड की मास्टरमाइंड माफिया डॉन अतीक अहमद की बीबी शाइस्ता परवीन थी। अतीक की अनुपस्थिति में शाइस्ता ही इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही थी, वह ना केवल शूटरों के साथ मीटिंग करती थी, बल्कि वह उनके लिए मोबाइल फोन, सिमकार्ड से लेकर पैसे रुपये की व्यवस्था भी खुद करती थी। यह खुलासा अतीक के प्रयागराज स्थित आफिस से गिरफ्तार नियाज अहमद ने की है, पुलिस को पहले भी कई बार इस संबंध में इनपुट मिले हैं। इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं, लेकिन पहली बार अतीक के किसी गुर्गे ने अपने इकबालिया बयान में शाइस्ता का नाम लिया है। नियाज अहमद ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि उमेश पाल की हत्या अतीक के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था, इसलिए वह इस ऑपरेशन को हर हाल में कामयाब करने के लिए फुलप्रूफ योजना चाहता था। इसलिए उसने ऑपरेशन की कमान अपनी बीबी शाइस्ता को सौंपी थी।

अपने घर पर करती थी मीटिंग- कमान मिलने के बाद शाइस्ता अपने घर पर शूटरों के साथ मीटिंग करती थी, उनसे रिपोर्ट बनाती थी और आगे की रणनीति तैयार करती थी। इस वारदात के ठीक पहले और बाद में भी सभी शूटर शाइस्ता के घर इकट्ठा हुए थे। वारदात के बाद शाइस्ता ने इन सभी को नए मोबाइल फ़ोन, सिम कार्ड और कैश देकर भागने में मदद की, वहीं बाद में, जब खुद उसके खिलाफ पुलिस का शिकंजा कसने लगा तो वह खुद भी फरार हो गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शाइस्ता परवीन की अब तक क्षवि पूरी तरह से साफ थी। वह हाल ही में ओवैसी की पार्टी AIMIM छोड़ कर बीएसपी में शामिल हुई थी। इसके बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उसे प्रयागराज मेयर का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था। पुलिस के मुताबिक अब तक शाइस्ता का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं था। इसलिए पुलिस को भी उसके ऊपर शक नहीं हो रहा था, शाइस्ता ने इसी बात का फायदा उठाया और ऑपरेशन को कोऑर्डिनेट किया था।

नियाज ने उगले राज- बता दें कि प्रयागराज पुलिस ने मंगलवार को अतीक के कर्बला स्थित ऑफिस पर बुल्डोजर चला दिया, इससे पहले पुलिस ने इस ऑफिस से 9 देशी विदेशी हथियार के अलावा क़रीब 75 लाख रूपये बरामद किए हैं। पुलिस ने यहां से अतीक के दो गुर्गों को भी गिरफ्तार किया था, इनमें नियाज शामिल है। बताया जा रहा है कि यह हथियार और कैश उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए शाइस्ता ने जमा किए थे, आशंका है कि इन हथियारों का वारदात में इस्तेमाल भी हुआ है। पुलिस के मुताबिक कर्बला ऑफिस से पकड़े गए मोहम्मद सजद और नियाज़ अहमद अतीक के बेहद खास हैं और इनकी साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ़ से सीधी बात होती थी। अतीक का बेटा असद जब भी इन दोनों से मिलने जाता था, इन दोनों से उनकी बात जरूर कराता था। इस वारदात में भी इन दोनों को ही उमेश पाल की रेकी करने की ज़िम्मेदारी मिली थी, सजद उमेश के घर के बगल में ही धूमनगंज इलाक़े में रहता था। अब पुलिस पता करने की कोशिश कर रही है कि इनके पास लाखों रुपये कहां से आए और इनका क्या करना था।