उमेश पाल शूटआउट कांड में वांटेड अपराधी गुड्डू मुस्लिम पुलिस के लिए बना सिरदर्द, भेष बदलने में है माहिर

गुड्डू मुस्लिम बमबाज नाम से भी मशहूर है। अतीक गैंग व उसके संपर्क में रहने वालों को बम तक बनाकर गुड्डू मुस्लिम उपलब्ध करवाता हैं, अगले की डिमांड के अनुसार गुड्डू मुस्लिम बम बनाकर बांधता है। सूत्र यह भी दावा करते हैं कि गुड्डू मुस्लिम कई प्रकार के बम बनाता है। जैसे घटना को अंजाम देने के बाद भागते वक्त बम फटकने पर सबसे ज्यादा धुंए का प्रकोप रहे, यह धुंए का प्रकोप तकरीबन 5 से 8 मिनट तक रहता है ताकि उस भीड़ से बदमाश घटना को अंजाम देकर भाग सके और कोई देख न पाए।
 
Umesh Pal shootout case
अतीक का बेटा असद अपने चाचा अशरफ के नक्शे कदम पर, क्या फिर से लौट आया दहशत का दौर।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रयागराज, 16 मार्च:- उमेशपाल हत्याकांड से सुर्खियों में आया माफिया अतीक का बेटा असद अपने चाचा खालिद अजीम उर्फ अशरफ के नक्शे कदम पर चल पड़ा है। अपने दुश्मन को नेस्तानाबूत करने की उसकी यह सोच उसे अपने चाचा के साथ खड़ा करती नजर आती है। याद करिए वह मंजर जब विधायिकी हार जाने के बाद अशरफ ने दिन दहाड़े बसपा विधायक राजूपाल को गोलियों से छलनी कर दिया था। ठीक उसी तरह 18 साल बाद उसके भतीजे असद ने इस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को दिनदहाड़े घर के सामने मौत के घाट उतार दिया, लोग इन दोनों घटनाओं को एक दूसरे का आईना मानते हैं और दबी जुबान में असद को अपने पिता अतीक और चाचा अशरफ का असली उत्तराधिकारी मानने लगे हैं। आपको बता दे कि उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड का मुख्य गवाह थे, उनकी गवाही के चलते अतीक और उसका भाई अशरफ लंबे समय से सलाखों के पीछे कैद हैं, उमेश पाल लंबे समय से अतीक के साम्राज्य के लिए कांटे की तरह बना हुआ थे। लेकिन सवाल यह था कि उसको रास्ते से कौन हटाएगा? ऐसा करके अतीक और अशरफ की इस दुर्गति का बदला कौन लेगा? तो इसके लिए ऐसे तो अतीक के पांच बेटे हैं लेकिन आगे कदम कौन बढ़ाएगा, यह बड़ा सवाल था।

कहीं वह बहस तो वजह नहीं- इस जिम्मेदारी को असद ने अपने कांधे पर उठाया और अपने करीबी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, उस्मान, अरमान, साबिर और अरबाज को लेकर एक बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला। सूत्रों का कहना है कि घटना से कुछ दिन पहले कचहरी में पेशी के दौरान असद और उमेश पाल का आमना सामना हुआ था। इस दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस भी हुई थी, यहीं से उमेश पाल की हत्या की पटकथा की शुरुआत हो गई थी। इसके बाद असद अपनी टीम के साथ चाचा अशरफ से मिलने गया और वहां पर अपने मंसूबे जाहिर कर दिए। बताया यह भी जाता है कि चाचा-भतीजा के विचार आपस में बहुत मेल खाते थे और भतीजे के इस उत्साह को देखकर चाचा अशरफ ने उसे रोकने की बिल्कुल भी कोशिश नही की। असद की इस घटना का असर यह हुआ शहर में एक बार फिर अतीक के साम्राज्य की दहशत लौटने लगी है। लोग भाई के नाम से कांपने लगे हैं, रंगदारी एक बार फिर अपने पुराने चरम को छू रही है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन भले ही दो शूटर को एनकाउंटर में ढेर कर चुका है। कई के मकान जमीदोज कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक शूटरों के गिरहबान तक न पहुंच पाना पुलिस के लिए अभी भी किसी असफलता से कम नही है। ऐसा नही है कि उमेश पाल को पहली ही बार में मौत के घाट उतार दिया गया। बताया जाता है कि 24 फरवरी को घटना को अंजाम देने से पहले असद एंड पार्टी ने हमले की कोशिश की लेकिन हर बार उमेश अपनी किस्मत से बच रहा था। कभी वह अपनी गाड़ी बदल देता था तो कभी मुखबिर की सूचना गलत साबित होती थी, लेकिन तीसरे अटैक में असद ने अपने सााथियों के साथ उसे मौत के घाट उतार दिया और अपने चाचा अशरफ के राजूपाल हत्याकांड की यादों को ताजा कर दिया।

गुड्डू मुस्लिम बना सिरदर्द- उमेश पाल शूटआउट कांड में वांटेड अपराधी गुड्डू मुस्लिम पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पुलिस उसे बड़ी बेताबी से ढूंढ रही है। पुलिस ने इनाम की राशि भी बढ़ाकर पांच लाख रुपए तक कर दी है। सूत्र कहते हैं कि वह भेष बदल कर पुलिस को चकमा दे रहा है, वह उत्तर प्रदेश के पश्चिम में किसी जिले में रह रहा है, उसके पास एक फेक आईडी भी है। जिसका इस्तेमाल वह पुलिस प्रशासन को गुमराह करने के लिए करता है, यह आईडी संदीप चौधरी नाम से बताई जा रही है। इसकी भनक लगते ही एसटीएफ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में के कई जिलों में अलर्ट जारी कर दिया हैं। गुड्डू मुस्लिम को पुलिस शिद्दत से तलाश कर रही है, यह भी बताया जा रहा है कि भेष बदलने में माहिर है। शातिर गुड्डू मुस्लिम सीसीटीवी फुटेज में बम चलाते हुए नजर आया था, इसके बाद सभी प्रमुख आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है। एसटीएफ की टीम सभी के सुराग तलाश ने में दिन-रात लगी हुई है, ऐसे में पुलिस अधिकारियों को पता चला है कि गुड्डू मुस्लिम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी जिले में संदीप चौधरी नाम के फेक आईडी के साथ छिपा हुआ है। इसकी वजह से पुलिस ने पड़ताल तेज कर दी है। वही सूत्र बताते हैं कि अतीक गैंग में गुड्डू मुस्लिम बमबाज नाम से भी मशहूर है। अतीक गैंग व उसके संपर्क में रहने वालों को बम तक बनाकर गुड्डू मुस्लिम उपलब्ध करवाता हैं, अगले की डिमांड के अनुसार गुड्डू मुस्लिम बम बनाकर बांधता है। सूत्र यह भी दावा करते हैं कि गुड्डू मुस्लिम कई प्रकार के बम बनाता है। जैसे घटना को अंजाम देने के बाद भागते वक्त बम फटकने पर सबसे ज्यादा धुंए का प्रकोप रहे, यह धुंए का प्रकोप तकरीबन 5 से 8 मिनट तक रहता है ताकि उस भीड़ से बदमाश घटना को अंजाम देकर भाग सके और कोई देख न पाए। हाल ही में 6 महीने से गुड्डू मुस्लिम कुछ नए उम्र के लड़कों को बम बनाने की ट्रेनिंग तक दे रहा था।