यूपी के इस जनपद के थाने में पुलिस वाले की नहीं, किसी अदृश्य शक्ति की चलती है हुकूमत

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इस थाना परिसर में एक बार पीएसी की एक टुकड़ी को रात गुजारनी पड़ी, लेकिन उस रात पीएसी के एक जवान के साथ जो हुआ, उसने सबके रोंगटे खड़े कर दिए। दावा है कि मध्य रात्रि पीएसी के जवान की चारपाई हवा में ऊपर और नीचे उड़ने लगी, जिससे वहां पर मौजूद सभी पीएसी के जवान और थाने के सिपाही दहशत में आ गए और अफरातफरी मच गई। इस थाने को लेकर स्थानीय लोग कई दावे करते हैं।
 
यूपी के जनपद अंबेडकर नगर के इस थाने की रहस्यमयी कहानी

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

अंबेडकर नगर, 21 जुलाई:- उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर के पुलिस थाने की रहस्यमयी कहानी सुनने में जितना आश्चर्य होगा, हकीकत में उतना ही सच है। यहां किसी पुलिस वाले की नहीं, बल्कि किसी अदृश्य शक्ति की हुकूमत चलती है। थाना परिसर के बंद पड़े मुख्य गेट को खोलने के लिए कोई थानाध्यक्ष तैयार नहीं होता है। अदृश्य शक्ति का डर इस कदर है कि थानेदार थानेदारी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन गेट खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। इस बात को स्वयं पुलिस कप्तान भी मानते हैं।

क्या है अदृश्य शक्ति का राज- बात डेढ़ दशक पुरानी है, स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इस थाना परिसर में एक बार पीएसी की एक टुकड़ी को रात गुजारनी पड़ी, लेकिन उस रात पीएसी के एक जवान के साथ जो हुआ, उसने सबके रोंगटे खड़े कर दिए। दावा है कि मध्य रात्रि पीएसी के जवान की चारपाई हवा में ऊपर और नीचे उड़ने लगी, जिससे वहां पर मौजूद सभी पीएसी के जवान और थाने के सिपाही दहशत में आ गए और अफरातफरी मच गई। इस थाने को लेकर स्थानीय लोग कई दावे करते हैं। उनमें से एक सुबह यह बात सबके सामने आई, इतना ही नहीं थाने के इस पुराने गेट से जब एसओ साहब अपनी सरकारी जीप लेकर जाने का प्रयास करते थे तो उनकी जीप देखते-देखते हवा में अचानक खड़ी जो जाया करती थी। इन सब घटनाओं ने थाने और आसपास के लोगो में दहशत भर दी। लोग किसी अदृश्य चमत्कारिक शक्ति पर भरोसा करने को मजबूर हो गए, वक्त की नज़ाकत को समझते हुए थाने में अदृश्य शक्ति को शांत करने के लिए पूजा पाठ भी कराया गया, लेकिन तब तक राहत नहीं मिली, जब तक थाने का यह इंट्री प्वाइंट गेट खुला था।

पुराने गेट को खुलवाने पर हो जाती है मौत- स्थानीय लोगों का ऐसा दावा है कि जिस किसी ने आज भी उस पुराने गेट को खुलवाया तो उसकी मौत निश्चित है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस गेट को खोलने का खामियाजा पूर्व में एसआई बाबू मिश्रा को भुगतना पड़ा था और उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इतना ही नहीं, वहीं एक लेखपाल भी काल के गाल में समा गया था। लगातार थाने में अदृश्य शक्ति का कहर बरपने लगा और उस गेट को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। वर्ष 2010 में जिले के तत्कालीन एसपी आरके स्वर्णकार ने थाने के नए गेट के बगल एक स्थान को चिह्नित करवाकर वहां पर एक पीपल और एक नीम के पौधे लगवाए। इसके बाद चारों तरफ से ईंट से एक छोटी सी बाउंड्री वॉल करवा दिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया- एसपी अजीत सिन्हा का कहना है कि गेट खोलने पर तीन-चार घटनाएं हुई हैं। एक थानाध्यक्ष ने आत्महत्या कर लिया था, अदृश्य शक्ति के भ्रांति वश गेट बंद है। 

नोट- यह खबर पुलिस और स्थानीय लोगों के दावों पर आधारित है, ग्लोबल भारत इस तरह के किसी दावे की अपने तरफ से पुष्टि नही करता है।