संपत्ति के लालच में बुवा ने अपने पति के साथ मिलकर भतीजे को दे डाली दर्दनाक मौत

ग्रामीणों ने बताया है कि कृषि भूमि नहीं है। केवल एक मकान है जिसकी कीमत भी करीब तीन-चार लाख रुपये के आसपास होगी। शनिवार को इसी मकान को लेकर मोनू और इसकी बुआ में झगड़ा भी हुआ था। वह मकान कब्जाना चाहती थी लेकिन मोनू आपत्ति करता था। मोनू के दादा लवराम ने अपनी बेटी चंचल व उसके पति बबलू के खिलाफ संपत्ति के लालच में अपने पोते की हत्या किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

अमरोहा, 03 जनवरी:- संपत्ति के लालच में बुआ ने पति के साथ मिलकर ग्राम मलकपुर भूड़ शुमाली निवासी भतीजे मोनू (20) की हत्या कर दी। पुलिस ने युवक का शव सोमवार की दोपहर बाद नहर किनारे स्थित झाड़ी से बरामद किया। मोनू शनिवार शाम से घर से लापता था। रविवार की शाम दादा ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने बताया कि मोनू के माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो गई थी। उसके कोई भाई बहन भी नहीं हैं। वह अपने दादा लवराम त्यागी के साथ गांव में ही रहता था। मोनू की बुआ चंचल भी अपने पति बबलू के साथ उसी घर में रहती थी। शनिवार की शाम मोनू घर से लापता हो गया था। रविवार की शाम दादा लवराम ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने गांव के ही कुछ युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। सोमवार को गांव पहुंची पुलिस ने नहर किनारे मोनू की तलाश की तो उसका शव झाड़ी में मिला। उसके चेहरे पर हलके चोट के निशान थे। प्रभारी निरीक्षक विनय कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया गला दबाकर हत्या किए जाने की आशंका है। ग्रामीणों ने बताया है कि कृषि भूमि नहीं है। केवल एक मकान है जिसकी कीमत भी करीब तीन-चार लाख रुपये के आसपास होगी।

शनिवार को इसी मकान को लेकर मोनू और इसकी बुआ में झगड़ा भी हुआ था। वह मकान कब्जाना चाहती थी लेकिन मोनू आपत्ति करता था। मोनू के दादा लवराम ने अपनी बेटी चंचल व उसके पति बबलू के खिलाफ संपत्ति के लालच में अपने पोते की हत्या किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस को गुमराह करने के लिए भतीजे की तलाश में लगी रही चंचल अपने इकलौते भतीजे की हत्या में शामिल चंचल पुलिस को गुमराह करने के लिए उसकी तलाश में लगी रही। रविवार को वह पुलिस को कहती रही कि वह कही नहीं जाएगा। रात को लौट आएगा। सोमवार दोपहर बाद जब पुलिस उसकी तलाश में गांव पहुंची तो चंचल पुलिस को नहर किनारे ले गई। वहां उसकी तलाश का नाटक करने लगी।

एक ग्रामीण ने बताया कि मोनू की हत्या कर उसका चेहरा सेही नामक जानवर के बिल की ओर कर दिया गया। ताकि वह उसके चेहरे का मांस खाकर उसकी पहचान मिटा दे। बुढ़ापे में अपने बेटा व बहू को खोने वाले लवराम अपने पोते मोनू के सहारे अपनी बाकी जिंदगी काटने का सपना देख रहे थे। उनकी बेटी चंचल के बारे में ग्रामीणों की राय अच्छी नहीं है। लवराम भी अपनी बेटी के चालचलन से खुश नहीं थे लेकिन वह अपने पोते मोनू में अपने बेटे पंकज को खोजा करते थे। समय ने ऐसा पलटा खाया कि उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं बचा। बेटा व बहू पहले ही स्वर्ग सिधार गए। पोता की हत्या हो गई और बेटी दामाद जेल चले जाएंगे।