सभासद प्रत्याशी की मौत के बाद भी जनता ने मतदान कर जिताया, मौत के बाद भी लोगों के दिलों में जिंदा रही आयशा

निर्दलीय चुनाव लड़ रही प्रत्याशी का नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उन्हें चुनाव चिन्ह मोटरसाइकिल मिला। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद ही प्रत्याशी आयशा को अचानक अपेंडिक्स का दर्द हुआ और उनकी उपचार के दौरान मौत हो गयी, बताया जा रहा है कि आयशा का व्यवहार वार्ड वासियों से बड़ा ही अच्छा था और करीब 1 वर्ष पूर्व ही आयशा की शादी मुन्तजीब अहमद से हुई थी।
 
सभासद प्रत्याशी की मौत के बाद भी जनता ने मतदान कर जिताया, मौत के बाद भी लोगों के दिलों में जिंदा रही आयशा

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

अमरोहा, 17 मई:- उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के हसनपुर तहसील के वार्ड नंबर 17 से निर्दलीय प्रत्याशी आयशा ने वार्ड सभासद का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था। जिसके बाद अचानक ही उनको अपेंडिक्स का दर्द हुआ जिनको उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उपचार के दौरान आयशा की मौत हो गयी आयशा की मौत के बाद भी वह लोगों के दिलों में जिंदा रही और मतदाताओं ने दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए उनको वोट दिए। वही मतगणना में चौकाने वाले परिणाम  सामने आये जब मतगणना हुई तो वार्ड नंबर 17 से प्रत्याशी आयशा 314 मतों से विजयी घोषित हुई।

पूरा मामला- आपको बता दें अमरोहा के हसनपुर तहसील के वार्ड नंबर 17 से सभासद का निर्दलीय चुनाव लड़ रही प्रत्याशी का नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उन्हें चुनाव चिन्ह मोटरसाइकिल मिला। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद ही प्रत्याशी आयशा को अचानक अपेंडिक्स का दर्द हुआ और उनकी उपचार के दौरान मौत हो गयी, बताया जा रहा है कि आयशा का व्यवहार वार्ड वासियों से बड़ा ही अच्छा था और करीब 1 वर्ष पूर्व ही आयशा की शादी मुन्तजीब अहमद से हुई थी वह दूध की डेरी चलाते हैं और पेशे से एडवोकेट भी हैं। वार्ड 17 का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था हालांकि उन्होंने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा था, उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया इसके चलते ही उन्होंने 16 अप्रैल को नामांकन दाखिल कराया था वार्ड वासियों का ऐसा कहना है कि हमने उनकी आत्मा की शांति के लिए अपने मत का प्रयोग किया है और दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए लगातार प्रार्थना भी कर रहे हैं। वार्ड वासियों ने बताया कि आयशा का व्यवहार बड़ा ही अच्छा था जिसके चलते हमने एकजुट होकर मतदान किया है।