हम गांवों की नारी हैं, राख नहीं चिंगारी हैं, अपने अधिकारों को लेकर चिंगारी चौपाल मे हुंकार उठी महिलाएं

आकाश की ओर तनी हुई मुट्ठियां इस बात का एहसास करा रहे थे कि अब वह अबला कहलाने का दंश ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेंगी। चिंगारी पंचायत के दौरान "ये गांव हमारे हैं, यह देश हमारा है !धरती भी हमारी है,आकाश हमारा है !!" का गगन भेदी नाद साफ संकेत दे रहा था कि अब यह महिलायें दुर्गा और चंडी बनकर आतताइयों और अन्याइयों से दो-दो हाथ करने को बहुत जल्द आमादा हो रही हैं।
 
चिंगारी चौपाल
रिपोर्ट- देवेन्द्र देव निगम बांदा

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

बांदा, 20 नवंबर:- हम गांवों की नारी हैं, हम राख नहीं चिंगारी हैं" बांदा जिले के नरैनी छेत्र की तकरीबन 25 गांवों से जुटी महिलायें अपनी छेत्रीय समस्याओं को लेकर चिंगारी चौपाल मे हुंकार उठीं। उनके भिंचे हुये होंठ, आकाश की ओर तनी हुई मुट्ठियां इस बात का एहसास करा रहे थे कि अब वह अबला कहलाने का दंश ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेंगी। चिंगारी पंचायत के दौरान "ये गांव हमारे हैं, यह देश हमारा है !धरती भी हमारी है,आकाश हमारा है !!" का गगन भेदी नाद साफ संकेत दे रहा था कि अब यह महिलायें दुर्गा और चंडी बनकर आतताइयों और अन्याइयों से दो-दो हाथ करने को बहुत जल्द आमादा हो रही हैं। शुक्रवार की सुबह से देर शाम तक अतर्रा स्थित विद्याधाम समिति के परिसर मे एक साथ बैठकर सबने अपने-अपने गांव-छेत्र की समस्याओं और महिलाओं के दुख-दर्द को आपस मे साझा किया। कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि के रुप मे शामिल हुये बांदा के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक त्रिपाठी जीतू, लोकमंच दिल्ली के फादर स्टेनी, नई दिल्ली से आईं सुश्री देविसा, सिस्टर रुबी बांदा के जल संचयन योद्धा पुष्पेन्द्र भाई, चित्रकूट के लल्लूराम शुक्ल, डिग्री कालेज अतर्रा के एशोसियेट प्रफेसर राममूर्ति पांडेय, विद्याधाम समिति के मंत्री राजाभैया आदि ने चिंगारी संगठन की महिलाओं के संघर्ष की सराहना करते हुये इनकी हौसला आफजाई की।

चिंगारी चौपाल मे खम्हौरा गांव से आई सोनी और नरसिंह पुर की कुसमा ने बताया कि उनके साथ दबंगों ने मारपीट की। कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। नतीजतन दबंग हमलावर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पिपरहरी के किशोरीलाल ने बताया कि दलितों के मरघट मे ग्राम प्रधान गौशाला बनवा रहा है।सम्बंधित अधिकारियों ने रोकने का आदेश दिया है। परन्तु प्रधान नहीं मान रहा। समस्या इस बात की है कि गौशाला बन जाने से दलित बस्ती के लोग मृतकों का दाह-संस्कार कहां करेंगे! बडैछा गांव की रेखा ने बताया कि दबंगों ने उसे बहुत पीटा है। पैर तोड दिया। एसपी के आदेश से रिपोर्ट लिखी गयी। किन्तु गिरफ्तारी नहीं हो रही। रेनू नामक युवती से छेडखानी का मामला भी पंचायत मे उठाया गया। इनके अलावा भी महिलाओं पर अत्याचार के कई मामले पंचायत मे आये। चिंगारी संगठन की मुबीना, मीरा, अर्चना, शशि, कुबेर, सत्येन्द्र, माया आदि ने इन मामलों मे चिन्ता जताते हुये कहा कि संगठन की महिलायें लखनऊ जाकर सीधे सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ से भेंट करेंगी। उनके दरबार मे अपनी बात रखेंगी। इस पर भी बात न बनी तो गांव-गांव संघर्ष का बिगुल बजाया जायेगा। कार्यक्रम के अंत मे बाहर से आये अतिथियों को शाल, श्रीफल, कठिया बेर्रा का आटा भेंट किया गया और सिर मे साफा बांधकर सम्मानित किया गया।