बच्चों का भविष्य बना रद्दी, कबाड़ में बेची जा रहीं सरकारी स्कूल की किताबें

परिषदीय स्कूलों में बंटने आईं हजारों की तादाद में किताबें बरामद की गई थीं। इसी कस्बे में एक बार फिर से एक कबाड़ी की दुकान में 1268 किताबें बरामद हुई हैं। यह पुस्तकें इसी सत्र के लिए बच्चों को निशुल्क बांटने के लिए आई थी। पुलिस ने कबाड़ी विमल साहू को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है।
 
बाँदा न्यूज़

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

बाँदा, 20 फरवरी:- उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के बबेरू कस्बे में 15 दिन पहले परिषदीय स्कूलों में बंटने आईं हजारों की तादाद में किताबें बरामद की गई थीं। इसी कस्बे में एक बार फिर से एक कबाड़ी की दुकान में 1268 किताबें बरामद हुई हैं। यह पुस्तकें इसी सत्र के लिए बच्चों को निशुल्क बांटने के लिए आई थी। पुलिस ने कबाड़ी विमल साहू को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है।

दरअसल कक्षा 1 से लेकर 8 तक के छात्र छात्राओ को सरकारी किताबे निशुल्क दिए जाने की सरकार की बहुआयामी योजना है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी ही इस योजना को मटियामेट करने में लगे है। 15 दिन पहले 5519 किताबें कबाड़ी को बेचने का मामला ठंडा नही हुआ। बेसिक शिक्षाधिकारी ने जांच पड़ताल के नाम पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

लूटा जा रहा बच्चों का हक- खंड शिक्षाधिकारी पर कोई कार्यवाही नही की गयी है। 15 दिन नही बीतने पाए कि वर्ष 2022-23 की 1268 किताबें कबाड़ी को बेची गयीं। इससे साफ जाहिर होता है कि खंड शिक्षाधिकारी बबेरु की मिली भगत से बच्चों के योजनाओं में सरेआम डाका डाला जा रहा है। पिछले मामले में आला अफसरों ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की, इससे बच्चों के हक को लूटने वालो के हौसला बुलंद है।