16 साल से फर्जी पुलिस अफसर बनकर करता था ठगी का खेल, पत्नी को भी लिया झांसे में

पुलिस के मुताबिक आरोपी 16 साल से पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को ठग रहा था। ठगी की शुरुआत उसने सिपाही बनकर की और बाद में वह एसडीएम तथा फर्जी आईपीएस तक बना। जांच में जोगेंद्र द्वारा धौलाना हापुड़ निवासी नीरज नामक युवक से भी दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर सात लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है।
 
फर्जी पुलिस कर्मी

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

गाजियाबाद, 05 नवंबर:- पुलिस अफसर बनकर लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले और उसकी सहयोगी महिला को गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह पुलिस इंस्पेक्टर बनकर लग्जरी गाड़ी में घूमता था और लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे रकम ठगता था। आरोपी के कब्जे से इंस्पेक्टर की वर्दी, फर्जी आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ है। एएसपी एवं सीओ सदर निमिष पाटिल ने बताया कि शास्त्रीनगर निवासी सब्जी विक्रेता फूल सिंह ने कविनगर थाने में केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि अमित यादव नाम के इंस्पेक्टर ने बेटे को होमगार्ड बनवाने का झांसा देकर ढाई लाख रुपये हड़प लिए। इतना ही नहीं, नेवी में कार्यरत उनके भाई से भी रिश्तेदार की नौकरी के नाम पर 30 हजार रुपये ले लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी।

इसी कड़ी में फर्जी इंस्पेक्टर अमित यादव को आत्माराम स्टील चौराहे के पास के गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद फर्जीवाड़े में साथ देने वाली उसकी महिला मित्र राजकुमारी निवासी आकाश नगर मसूरी को भी पकड़ लिया गया। एएसपी के मुताबिक अमित का असली नाम जोगेंद्र यादव है। वह वर्तमान में कवि नगर थाना क्षेत्र के गोविंदपुरम इलाके में किराए पर रह रहा था। राजकुमारी रिटायर्ड पुलिसकर्मी की पत्नी है। एसएचओ ने बताया कि वर्ष 2015 में उसने पत्नी को बताया कि उसका चयन एसडीएम पद पर हुआ है और पहली तैनाती मुरादाबाद में मिली है। इसके बाद वर्ष 2016 में खुद को आईपीएस अफसर बनना बताया। वर्ष 2018 में जोगेंद्र फर्जी आईपीएस अफसर बनकर इटावा में तैनात अपनी पत्नी के घर पहुंचा तो लोगों और सामाजिक संगठनों ने उसका स्वागत किया।

अगले दिन अखबारों में स्वागत की खबर छपने पर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। वर्ष 2019 में जेल से आने के बाद वह इंस्पेक्टर बन ठगी करने लगा। पुलिस के मुताबिक आरोपी 16 साल से पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को ठग रहा था। ठगी की शुरुआत उसने सिपाही बनकर की और बाद में वह एसडीएम तथा फर्जी आईपीएस तक बना। जांच में जोगेंद्र द्वारा धौलाना हापुड़ निवासी नीरज नामक युवक से भी दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर सात लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है।