दूध में पानी मिलाने वाले एक मामले में दूधिए को 12 साल बाद मिली सजा, 1 साल की कैद 2 हज़ार जुर्माना

दूध में पानी मिलाने के एक मामले में बांसगांव सिविल कोर्ट ने एक दूधिया को एक साल की सजा और 2 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपी सभाजीत यादव जुर्माना नहीं भरता है तो उसे एक महीने की सजा ज्यादा भुगतनी होगी।
 
मिलावटी दूध

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

गोरखपुर, 23 दिसंबर:- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से लिया गया नमूना फेल होने का असर कई सालों बाद नजर आया है। जहां दूध में पानी मिलाने के एक मामले में बांसगांव सिविल कोर्ट ने एक दूधिया को एक साल की सजा और 2 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपी सभाजीत यादव जुर्माना नहीं भरता है तो उसे एक महीने की सजा ज्यादा भुगतनी होगी। यह फैसला 19 दिसंबर को आया है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त कुमार गुंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि तत्कालीन खाद्य निरीक्षक चंद्रभानु ने विशेष छापामार अभियान के तहत 24 फरवरी 2010 को सिकरीगंज तिराहे के पास मोटरसाइकिल से दूध बांटते समय सभाजीत से भैंस के दूध का सैंपल लिया था, जिसके बाद टीम ने इसे जांच-पड़ताल के लिए लैब भेजा था। उधर, जांच रिपोर्ट में दूध में पानी मिले होने की पुष्टि हुई।

12 साल बाद आया फैसला- वहीं, इस मामले का संज्ञान लेते हुए बांसगांव सिविल कोर्ट की बेंच ने पीएफए एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। जहां केस की सुनवाई के दौरान 12 साल तक मुकदमा चला, आखिरकार आरोपी दूधिया सभाजीत दोषी पाए गए, जिसके बाद कोर्ट ने सभाजीत यादव के खिलाफ एक साल का कारावास और दो हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। इस दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त कुमार गुंजन ने कहा कि दूध में मिलावट के खिलाफ लगातार कार्रवाई के लिए पूरे जिले में छापामार चल रहा है। वहीं, दूध के सैंपल लेने के के साथ खाद्य कारोबारियों को सुधार नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि, जांच रिपोर्ट में जो भी सैंपल फेल पाए जा रहे हैं, उन सभी आरोपियों के खिलाफ हर महीने जुर्माना लगाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मिलावट करने वाले किसी कारोबारी को छोड़ा नहीं जाएगा।