कलयुग के कानूनी दावपेंच में 21 साल से कैद है माखन चोर, जानिए क्या है कहानी

राधा कृष्ण के मंदिर में भगवान कृष्ण राधा बलराम विराजमान थे भगवान कृष्ण की यह मूर्ति अष्टधातु से निर्मित थी और लोगों की अवधारणा थी की मूर्ति खुदाई में निकली थी और करीब डेढ़ सौ साल पुरानी है इस मंदिर से लोगों का आस्था और विश्वास इस कदर बना हुआ था की बड़ी सी बड़ी मनोकामना इस मंदिर में मांगने पर पूरी होती थी।
 
Kanpur

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

कानपुर देहात, 06 सितंबर:- पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में जन्मे भगवान श्री कृष्ण ने मामा कंस के कारागार से चंद घंटे में मुक्ति पा ली थी और मामा का वध कर अपने माता पिता को कैद से आजाद कराया था लेकिन कलयुग के कानूनी दाव पेज में फंसे में बेकसूर होने के बावजूद भी 21 साल से भगवान श्री कृष्णा, राधा, बलराम भगवान समेत उनका परिवार सजा काट रहा है।

क्या है थाने का इतिहास- कानपुर देहात का शिवली थाना हमेशा से सुर्खियों में बना रहा है यह थाना अपराध और अपराधियों के लिए जाना जाता कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने इसी थाने में घुसकर नेता संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी तब से लेकर आज तक इस थाने ने सुर्खियों बटोरी है लेकिन एक बार फिर यह थाना चर्चा का विषय बना हुआ है चर्चा ऐसी की जो साक्षात भगवान श्री कृष्ण से तलूक रखती हो, आज हम 21 साल पुराने उस राज को बताने जा रहे हैं जिसमें भगवान श्री कृष्ण, राधा, बलराम भगवान समेत उनका परिवार बेकसूर होने के बावजूद भी सजा भुगत रहा है, भगवान के भक्तों को मिलने के लिए साल में एक दिन ही मिलता है जो कृष्ण जन्मोत्सव के नाम से मनाया जाता है।

सुनकर रह जाएंगे दंग- आपको ये बात सुनकर हैरानी होगी कि जिनका नाम जप करने से सभी पाप और संकट कट जाते है और बड़ी से बड़ी विप्पति का हल हो जाता है लेकिन आज वही बड़े संकट में फसे है और अपनी विप्पति का हल नही कर पा रहे है लेकिन सच यही है कि भगवान श्री कृष्ण पिछले 21 वर्षों से कानपुर देहात के शिवली थाने में बेकसूर होने के बाबजूद परिवार समेत कैद है भगवान की रिहाई कानूनी दावपेंच के चक्रव्यूह में फस गई है।

क्या है मामला- दरअसल पूरा मामला यह है कि कानपुर देहात के शिवली कस्बे में बने राधा कृष्ण के मंदिर में भगवान कृष्ण राधा बलराम विराजमान थे भगवान कृष्ण की यह मूर्ति अष्टधातु से निर्मित थी और लोगों की अवधारणा थी की मूर्ति खुदाई में निकली थी और करीब डेढ़ सौ साल पुरानी है इस मंदिर से लोगों का आस्था और विश्वास इस कदर बना हुआ था की बड़ी सी बड़ी मनोकामना इस मंदिर में मांगने पर पूरी होती थी।

क्या हुआ था- उस वक्त मंदिर के चर्चे पूरे क्षेत्र में बने रहते है लेकिन एक दिन शिवली कस्बे के चार चोरो ने लालच में आकर मंदिर पर धाबा बोल दिया और अष्टधातु से निर्मित भगवान की मूर्तियो को चुरा ले गए बहुत पुरानी और अष्टधातु से निर्मित भगवान की मूर्तियो की कमत करोड़ो रूपये बताई जा रही थी, तभी शायद मालामाल होने के लिए चोरो ने चोरी की घटना को अंजाम दिया था।

शिकायत मिलने पर पुलिस ने चोरो को दबोचा- चोरी की घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल है उसके बाद पूरी घटनाक्रम का मंदिर के संरक्षक आलोक ने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने शिकायत को संज्ञान में लेते हुए चोरो पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी और कुछ दिनों में चोरों को धर दबोचा और चोरों से पूछताछ कर अष्टधातु से निर्मित चोरी हुई मूर्तियों को बरामद कर लिया पुलिस कार्यवाही करते हुए चारो चोरो को को जेल भेज दिया और बरामद हुई मूर्तियां को मालखाने में जमा कर दिया लेकिन कुछ दिनों के बाद चोरों को तो जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ गए मुकदमे की सुनवाई न्यायालय में लगातार जारी है लेकिन मुकदमा अंतिम निर्णय तक अभी नहीं पहुंचा है जिसके कारण भगवान श्री कृष्ण समेत उनका परिवार 21 सालों से बेकसूर होने के बावजूद भी थाने के मालखाने में सजा भुगत रहा है।

हर साल क्या होता है- तब से लेकर आज तक मूर्तियां तो थाने के माल खाने में कैद है लेकिन हर साल एक दिन के लिए बाहर निकाला जाता है और थाने में तैनात पुलिसकर्मी हर साल परंपरागत कृष्ण जन्मोत्सव के दिन अष्टधातु की श्री कृष्ण की मूर्तियों को माल खाने से निकलते हैं उनकी विधि विधान पूजा अर्चना कर दूसरे दिन फिर थाने के मालखाने में रख दिया जाता है। अब देखना यह होगा कि वह कौन सा दिन होगा जब माखन चोर कलयुग के कानूनी दावपेंच से आजाद होंगे और किस दिन उनके परिवार समेत उनकी थाने से रिहाई होगी।