लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाकर यह गैंग उनको बेचने का सौदा 50 से 60 हज़ार में करता था, पुलिस ने किया गिरफ्तार
ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर, 09 जनवरी:- उत्तर प्रदेश के कानपुर में कमिश्नरेट पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, किसी परेशान दुखी और बेसहारा युवती घर से भागी को देखकर उसका हमदर्द बनना उसके आंसू पूछना और सहारा देने के नाम पर कुछ शातिर जो करते थे। वह सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे, बताते चलें कि रायपुरवा थाने में अक्टूबर 2022 को एक पीड़ित ने मोहल्ले के कुछ लोगों पर अपनी किशोरी को बहला फुसलाकर अगवा करने का मामला दर्ज कराया था। इस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने जब जांच की तो लड़कियों को बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश हो गया, पुलिस ने गैंग में शामिल एक महिला समेत 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इस गैंग ने अब तक आधा दर्जन से अधिक लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाकर बेचने का काम किया है। यह मामला कानपुर शहर के रायपुरवा थाना क्षेत्र का है, यहां की रहने वाली 14 साल की नाबालिग पिछले साल अक्टूबर 2022 में घर से लापता हो गई। सेंट्रल जोन के डीसीपी रविंद्र कुमार ने बताया कि रायपुरवा में दर्ज मुकदमे मे लड़की की बरामदगी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया- पुलिस टीम और सर्विलांस सेल की मदद से लड़की को बरामद किया गया, लड़की की निशानदेही पर एक महिला समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी का कहना था कि पकड़े गए आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया की हरदोई, शाहजंहापुर, हापुड़ व बिहार में लड़कियों को बेचने का काम करते हैं। उनका कहना था की इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस की पूरी टीम काम कर रही है, इस गैंग के लोगों ने आधा दर्जन लड़कियों को जहां बेचा है, उनकी सकुशल बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, आरोपियों पर धारा 370ए, 371, 372 और पॉक्सो एक्ट के साथ-साथ आईपीसी की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
धर्म बदलकर लड़कियों को अपने जाल में फंसाते थे- पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी धर्म बदलकर लड़कियों को अपने जाल में फंसाते थे और उन्हें बहला-फुसलाकर शहर के बाहर अन्य जनपदों में भेज देते थे। जहां से अलग-अलग स्थानों पर लड़कियों को बेचा जाता था, आरोपी ज्यादातर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन बाजार या कहीं अन्य स्थानों पर जब कोई लड़की परेशान हाल में दिखती थी तो उसे सहारा बनने की दिलासा देकर अपना शिकार बनाते थे। जिसके एवज में इन्हीं करीब 50 से 60 हजार रुपए मिलते थे, डीसीपी का कहना है कि गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही इनके लिंक कहां जुड़े हैं, इसके बारे में भी जानकारी की जा रही है। वहीं, इस मामले में अन्य जो भी आरोपित होंगे उन सभी को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाएगी।