पत्नी लगा रही थी मौत को गले, पति आत्महत्या का मोबाइल से बना रहा था वीडियो

संजीव ने उन्हें फोन कर बताया पर बेटी को अस्पताल तक नहीं ले गया। समय पर अस्पताल ले जाता तो बेटी की जान बच सकती थी। पिता ने घर में लगे कैमरों का बैकअप गायब होने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि आसपास लगे कैमरों में कुछ देर पहले संजीव का भाई पत्नी के साथ घर से निकलता दिख रहा है।
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

कानपुर, 27 अक्टूबर:- कानपुर के नौबस्ता के हनुमंत विहार में फांसी की हैरतअंगेज घटना से हड़कंप मच हुआ है। पति वीडियो बनाता रहा और पत्नी ने फांसी लगाकर जान दे दी। पति ने मौत की खबर मायके वालों को दी तो कोहराम मच गया। मृतक पिता की तहरीर पर पुलिस ने ससुरालीजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक गुलमोहर विहार में मंगलवार को संदिग्ध हालात में महिला का शव पंखे से लटकता मिला। बताया जा रहा जब वह घर पर फंदे से लटकने का प्रयास कर रही थी तो पति वीडियो बना रहा था। कुछ देर बाद पति ने मायके वालों को पत्नी की मौत की खबर दे दी। किदवई नगर ई-ब्लॉक निवासी राजकिशोर गुप्ता रंग का कारोबार करते हैं। बड़ी बेटी शोभिता गुप्ता की शादी 18 फरवरी 2017 को गुलमोहर विहार निवासी सुशील के बेटे संजीव गुप्ता से की थी। संजीव की सागर मार्केट में मोबाइल शॉप है। राजकिशोर के मुताबिक मंगलवार दोपहर ढाई बजे संजीव ने फोन कर बताया कि शोभिता ने फांसी लगा ली है। यह सुनकर उनके होश उड़ गए। घर पहुंचे तो बेटी बेसुध हालत में बेड पर पड़ी थी। उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ चुके थे। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

उनके मुताबिक संजीव ने एक वीडियो दिखाया, जिसमें शोभिता फांसी लगाने का प्रयास कर रही थी। यह वीडियो संजीव ने ही बनाया था। राजकिशोर के मुताबिक अगर बेटी फांसी लगा रही थी तो दामाद ने उसे रोकने की कोशिश क्यों नहीं की। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मूलरूप से फतेहपुर के बिंदकी निवासी सुशील पत्नी उर्मिला के साथ ज्यादातर गांव में ही रहते हैं। गुलमोहर विहार की पहली मंजिल पर बड़ा बेटा शिवम अपनी पत्नी दीपिका के साथ रहता है। छोटा बेटा संजीव नीचे वाले हिस्से में रहता है। उसके साथ शोभिता यहीं रहती थी। इनके साढ़े तीन साल की बेटी शुभी है। मंगलवार को शोभिता का त्योहार के बाद किदवईनगर स्थित मायके जाने को लेकर विवाद हुआ। संजीव ने मना किया तो दोनों में कहासुनी होने लगी। करीब साढ़े 12 बजे शोभिता बेडरूम में पंखे पर फंदा बनाकर गला फंसाने लगी। संजीव उसका वीडियो बनाने लगा। संजीव के मुताबिक उसने शोभिता से कहा कि तुम्हारे घर वालों को वीडियो भेजूंगा...तुम इस तरह का काम करती हो। ये सब ठीक नहीं। इसके बाद शोभिता नीचे उतर आई। संजीव की भाभी दीपिका ने आवाज दी तो दोनों झगड़ते हुए ऊपर पहुंच गए। संजीव के मुताबिक झगड़ा खत्म होने के बाद बेटी को लेकर वह ऊपर ही बना रहा, जबकि शोभिता अपने बेडरूम में चली गई। कुछ देर बाद नीचे लौटा तो शोभिता फंदे से लटक रही थी।

राजकिशोर ने बताया कि बेटी को शादी के बाद से पति और उसके परिजन उसे प्रताड़ित करते थे। कई बार शोभिता ने इसका जिक्र भी किया था। तब इस बात का अंदाजा नहीं था कि ऐसा हो जाएगा। एसीपी गोविंदनगर के मुताबिक शोभिता के पति व अन्य ससुरालीजनों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने, पत्नी के साथ क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर संजीव को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। शोभिता के परिजनों का कहना है कि संजीव ने उन्हें फोन कर बताया पर बेटी को अस्पताल तक नहीं ले गया। समय पर अस्पताल ले जाता तो बेटी की जान बच सकती थी। पिता ने घर में लगे कैमरों का बैकअप गायब होने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि आसपास लगे कैमरों में कुछ देर पहले संजीव का भाई पत्नी के साथ घर से निकलता दिख रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं उसका भी घटना में हाथ हो। संजीव का कहना है कि वह ऊपर कमरे में सोने गया तब घटना हुई। वहीं, राजकिशोर का कहना है कि बेटी कुछ देर पहले सुसाइड करने की कोशिश कर रही थी तो वह हम लोगों को बता देता। आकर उसे समझाया जा सकता था।

संजीव का कहना है कि अकेले शोभिता को अस्पताल कैसे ले जाता, वहीं राजकिशोर का कहना है कि संजीव जब अकेला फंदे से उतार सकता था तो अस्पताल भी ले जा सकता था। संजीव की मासूम बेटी को मालूम ही नहीं कि घर में क्या हो गया है। मंगलवार दोपहर शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया गया। बुधवार तक शुभी सबसे यही पूछती रही कि मां कब घर आएगी। परिजनों ने मां को डॉक्टर के यहां भेजने की बात कहकर उसे शांत कराया। राजकिशोर के मुताबिक वह दीपावली वाले दिन देर रात शोभिता से मिलने छोटी बेटी के साथ गए थे। तब सबकुछ ठीक था। उसने किसी बात का जिक्र तक नहीं किया। उसे कुछ दिक्कत थी तो बता देती उसे भी साथ ले आता। शायद बेटी की दिक्कत वह उसकी आंखों से न पढ़ सके।