जिस केस में 4 साल पहले बाइज्जत बरी हो गया था उसी केस में वारंट जारी होकर गिरफ्तारी हो गई

नौमी के अधिवक्ता ने बताया कि 4 साल बाद रविवार को नौमी लाल उस समय चौंक गया। जब पुलिस उसके पास उसी मुकदमे संख्या में गिरफ्तारी वारंट लेकर पहुंची। पुलिस ने नौमी को गिरफ्तार कर लिया और रविवार की वजह से रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जब नौमी लाल के वकील ने कोर्ट को पूरी कहानी बताई तो कोर्ट में भी हड़कंप मच गया।
 
गिरफ्तारी

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

कानपुर, 04 सितंबर:- उत्तर प्रदेश की कानपुर कोर्ट में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। इस मामले को सुनकर कोर्ट में मौजूद सभी लोग हैरत में पड़ गए, रविवार को कानपुर में एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ वारंट जारी होकर गिरफ्तारी हो गई। जो 4 साल पहले ही कोर्ट द्वारा दोषमुक्त करार दिया जा चुका था। काफी विचार के बाद कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए व्यक्ति को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया। वहीं, अब यह घटना शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

पूरा मामला- दरअसल, साल 2008 में बर्रा निवासी नौमी लाल गुप्ता के खिलाफ एक व्यक्ति को जान से मारने की कोशिश का केस दर्ज हुआ था। कोर्ट में ट्रायल के दौरान ज्यादातर गवाहों ने नौमी लाल के पक्ष में गवाही दी थी, जिसकी वजह से संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने 2019 में नौमी लाल को दोषमुक्त करार देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया था। नौमी के अधिवक्ता ने बताया कि 4 साल बाद रविवार को नौमी लाल उस समय चौंक गया। जब पुलिस उसके पास उसी मुकदमे संख्या में गिरफ्तारी वारंट लेकर पहुंची। पुलिस ने नौमी को गिरफ्तार कर लिया और रविवार की वजह से रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जब नौमी लाल के वकील ने कोर्ट को पूरी कहानी बताई तो कोर्ट में भी हड़कंप मच गया। इस पूरे मामले पर वकील ने कहा कि कोई केस न होने की वजह से नौमी को जेल भी नहीं भेजा जा सकता था। वारंट भी ऐसे मुकदमे में था, जो खत्म हो चुका है, काफी विचार के बाद कोर्ट ने नौमी लाल को 20-20 हजार की दो जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया। वहीं, इस घटना के बाद कोर्ट में मौजूद लोगों के बीच इस मामले को लेकर सुगबुगाहट बनी रही।