डॉक्टरों की लापरवाही, दो अलग-अलग मामलों में ऑपरेशन के दौरान मरीजों के पेट में कपड़ा छोड़ा

डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान प्रसूता के पेट मे कपड़ा छोड़ दिया था, बाद में बहुत मुश्किल से महिला की जान बच सकी थी। इस मामले में जांच के बाद वहां की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि सूरी की लापरवाही सामने आई थी। डॉ रश्मि वहां संविदा पर तैनात थीं, इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने डॉ रश्मि को बर्खास्त करने की सिफारिश की और साथ ही सीएमओ को निर्देश दिए कि नेशनल मेडिकल काउंसिल को इनका लाइसेंस निरस्त करने के लिए पत्र प्रेषित किया जाए।
 
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एक मरीज की बची मुश्किल से जान एक मरीज कि हुई मौत, जिलाधिकारी ने दोनों डॉक्टरों पर की कड़ी कार्रवाई।

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

कानपुर, 23 अगस्त:- डॉक्टरों की जरा सी लापरवाही मरीज की जान ले लेती है। दो डॉक्टरों ने अलग-अलग मामलों में मरीजों के पेट में कपड़ा छोड़ दिया था, जिसमें एक मरीज की मौत हो गई थी, जबकि दूसरा मरीज बाल-बाल बच गया था। ये लापरवाही बरतने पर कानपुर जिलाधिकारी ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने उर्सला के डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की संविदा डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है और लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की है।

पहला मामला- दरअसल, मामला ऐसा है कि एक महीने पहले बिल्हौर सामुदायिक केंद्र में एक प्रसूता की डिलीवरी करवाई गई थी। डॉक्टर ने उसके पेट मे कपड़ा छोड़ दिया था, बाद में बहुत मुश्किल से महिला की जान बच सकी थी। इस मामले में जांच के बाद वहां की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि सूरी की लापरवाही सामने आई थी। डॉ रश्मि वहां संविदा पर तैनात थीं, इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने डॉ रश्मि को बर्खास्त करने की सिफारिश की और साथ ही सीएमओ को निर्देश दिए कि नेशनल मेडिकल काउंसिल को इनका लाइसेंस निरस्त करने के लिए पत्र प्रेषित किया जाए।

दूसरा मामला- ऐसे ही एक और मामले में डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। कुछ दिन पहले उर्सला अस्पताल में पथरी का इलाज कराने आई महिला के पेट में ऑपरेशन के बाद कपड़ा छोड़ दिया गया था, उस महिला की कुछ दिनों बाद एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस मामले में जांच के बाद डीएम ने आदेश दिया कि उर्सला के डॉ प्रशांत मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए। वही जांच पत्रावलियों समय से प्रस्तुत ना किए जाने पर सीएमओ कार्यालय में तैनात लिपिक के निलंबन के लिए भी सीएमओ को निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी मरीजों का इलाज ठीक से किया जाए, उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और कोई लापरवाही ना बरती जाए।