आईएस के द्वारा यूपी में खतरनाक आतंकी तैयार किए जा रहे।

एटीएस की जांच में आया है कि उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में हमले का षड्यंत्र रच रहे इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों को बम बनाने का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा था।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

आईएस के द्वारा यूपी में खतरनाक आतंकी तैयार किए जा रहे।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लखनऊ, 16 नवम्बर।

एटीएस की जांच में आया है कि उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में हमले का षड्यंत्र रच रहे इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों को बम बनाने का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा था। 

एटीएस द्वारा गिरफ्तार अब्दुल्ला अर्सलान, नावेद सिद्दीकी व माज बिन तारिक को इसके लिए तैयार किया जा रहा था। 

आईएस के हैंडलर व आतंकी शहनवाज इन्हें बम बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहा था। शहनवाज के इशारे पर अब्दुल्ला ने अलीगढ़ में बम बनाने के कुछ उपकरण भी जुटा रखे थे।

सूत्रों का कहना है कि अब्दुल्ला के ठिकाने से बरामद इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में बम बनाने के फॉर्मूलों से लेकर अन्य जानकारियों को सुरक्षित किया गया था। 

एटीएस एफएसएल की मदद से आरोपियों के खिलाफ इससे जुड़े वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है। 

एटीएस के सामने अब उन लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाने की भी चुनौती है, जो आईएस के आतंकियों के निशाने पर थे।

अब्दुल्ला व माज बिन से पूछताछ में गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के भी उनके निशाने पर होने की बात सामने आई। 

अलीगढ़ से पकड़े गए राकिब इमाम अंसारी, संभल से पकड़े गए नावेद सिद्दीकी, मोहम्मद नोमान व मोहम्मद नाजिम को भी पुलिस रिमांड पर लेने की लिए अर्जी दाखिल की जाएगी।

माज बिन तारिक की निशानदेही पर अलीगढ़ से पिस्टल व कारतूस बरामद किए जाने के साथ उसके कुछ करीबियों की भी तलाश शुरू की गई है। 

यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इनके अन्य किन साथियों ने हथियार खरीदे हैं और इन्हें कहां से फंडिंग हो रही थी। 

आशंका यह भी है कि आईएस आतंकियों का यह मॉड्यूल अयोध्या व अन्य धार्मिक स्थलों पर भी गड़बड़ी करने की साजिश रच रहा था। इसे लेकर मास्टर माइंड वजीहुद्दीन से पूछताछ की जाएगी, जिसे पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के भिलाई से गिरफ्तार किया गया है।

एटीएस गुरुवार को वजीहुद्दीन को पुलिस रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी, जिससे उससे नए सिरे से पूछताछ की जा सके। 

वजीहुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी किया था और उसका एएमयू के छात्र संगठन एसएएमयू (स्टूडेंट्स आफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) से गहरा नाता भी सामने आया है। 

अलीगढ़ में प्रोफेसर के नाम से पहचाने जाने वाले वजीहुद्दीन से उसके संपर्क में रहे अन्य युवकों के बारे में भी पूछताछ होगी।

प्रोफेसर साहब अपने छात्रों को जेहाद का भी प्रशिक्षण दे रहे थ।

आरोप है कि आतंकी शहनवाज के कहने पर युवा प्रोफेसर वजीहुद्दीन अलीगढ़ में रहकर कोचिंग चलाता था और उसके संपर्क में आए युवकों को जिहाद का भी प्रशिक्षण दिया करता था।

वह बड़ी चालाकी से युवकों को अपने प्रभाव में लेकर आईएसआईएस से जोड़ रहा था।

उल्लेखनीय है कि एटीएस ने वजीहुद्दीन को छत्तीसगढ़ के भिलाई से गिरफ्तार किया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाकर विशेष कोर्ट में पेश किया गया। बाद में वजीहुद्दीन को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। 

एटीएस अब उसे भी पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। 

एटीएस आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक काे भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। दोनों से मिली जानकारियों के आधार पर उनके कई साथियों की भी सरगर्मी से तलाश भी की जा रही है।

एटीएस आईएसआईएस के पूरे माड्यूल से जुड़े संदिग्धों की गहनता से पड़ताल से जुटी है। उसे आशंका है कि वजीहुद्दीन ही मास्टरमाइंड है। उसके संपर्क में रहे युवकों को चिन्हित किया जा रहा है। 

पड़ताल में पता चला है कि वजीहुद्दीन ने ही अन्य आरोपित अब्दुल समद, फैजान बख्तियार, नावेद सिद्दीकी व अरशद वारसी को जिहाद के लिए तैयार किया था।