प्राकृतिक आपदा से 12 लोगों की मौत, रेल व सड़क यातायात प्रभावित। कांवड़ यात्रा के लिए विशेष प्रबंध।

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार के अनुसार प्रदेश में बीते 24 घंटे में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। सात जिलों में 30 एमएम से अधिक वर्षा हुई है। गढ़मुक्तेश्वर, बदायूं और बाराबंकी में बाढ़ का पूर्वानुमान है। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

प्राकृतिक आपदा से 12 लोगों की मौत, रेल व सड़क यातायात प्रभावित। कांवड़ यात्रा के लिए विशेष प्रबंध।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 13 जुलाई।

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार के अनुसार प्रदेश में बीते 24 घंटे में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। सात जिलों में 30 एमएम से अधिक वर्षा हुई है। गढ़मुक्तेश्वर, बदायूं और बाराबंकी में बाढ़ का पूर्वानुमान है। 

प्रदेश में बीते 24 घंटे में प्राकृतिक आपदा से 12 लोगों की मौत हुई है। 

बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, हापुड., कन्नौज, चित्रकूट और सोनभद्र में 30 एमएम से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में 1 जून से वर्षा का औसत सामान्य के सापेक्ष 112 प्रतिशत है।

प्रदेश के 16 जिलों में अत्यधिक वर्षा, 18 जिलों में सामान्य से ज्यादा, 19 जिलों में सामान्य और 18 जिलों में सामान्य से कम और चार जिलों में बहुत कम बरसात हुई है। 

आकाशीय बिजली गिरने से बाराबंकी में एक व्यक्ति की मौत हुई है। पानी में डूबने से संतकबीर नगर में एक, फतेहपुर में एक, सुल्तानपुर में दो और सहारनपुर में पांच लोगों की मौत हुई है। सर्पदंश से गाजीपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है। अतिवृष्टि से संभल में एक व्यक्ति की मौत हुई है।

सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बदायूं में कचला ब्रिज पर गंगा, मुजफ्फरनगर के मावी में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सहारनपुर व मुजफ्फरनगर को छोड़कर कहीं भी अतिवृष्टि या जलभराव के कारण लोगों को बाढ़ शरणालय पर ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। 

सहारनपुर के 92 गांव तथा 16 नगरी मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित है। इन क्षेत्रों के 512 लोगों को 9 बाढ़ शरणालय में रखा गया है। मुजफ्फरनगर के बाढ़ से प्रभावित दो गांवों के 200 लोगों को बाढ़ शरणालय में रखा गया है।

चंदौली में आकाशीय बिजली गिरने से 85 भेड़ों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित भेड पालकों को चार हजार रुपये प्रति भेड़ की दर से सहायता राशि तुरंत देने के निर्देश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री ने आकाशीय बिजली गिरने से आहत परिवारों को भी हर संभव सहायत देने के निर्देश दिए हैं।

हथिनी कुंड बैराज से लगभग 1.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पश्चिमी यूपी के आठ जिले प्रभावित हुए हैं। 

शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद व इटावा जिले के गांवों में जलभराव हुआ है। शामली में पांच गांव में जलभराव की स्थिति है लेकिन आबादी प्रभावित नहीं है।

गाजियाबाद गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद व इटावा में बाढ़ की स्थिति नहीं है।

सहारनपुर पहले से ही बाढ़ से प्रभावित है। लगभग 2000 लोग बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं। बिजनौर व मुरादाबाद वर्षा के रेड अलर्ट के संबंध में स्थिति सामान्य है।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और अतिवृष्टि में फंसे यूपी के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत विभाग ने कवायद शुरू की है। हिमाचल में फंसे सात लोग सुरक्षित हैं। जबकि तीन लोगों से संपर्क नहीं हो सका।

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार के अनुसार हिमाचल प्रदेश में बाढ़, अतिवृष्टि के कारण वहां फंसे यूपी के लोग सुरक्षित हैं। 

राहत विभाग के कंट्रोल रूम को मिली सूचना के अनुसार देवरिया की प्रियंका ज्योति, वाराणसी की रति, गाजियाबाद के हेमंत शर्मा, जालौन के कन्हैया, शाहजहांपुर की अर्चना, लखनऊ के परवेश और बदायूं के पंकज भी सुरक्षित हैं।

मेरठ के आर्यन त्यागी, लखनऊ के मो. शारिक, लखनऊ की आयुशी गोयल और बलरामपुर के अभय गौतम वापस लौट रहे हैं। कानपुर नगर के शिवांग, लखनऊ की आयुष तिवारी, और सीतापुर के गौरव श्रीवास्तव से संपर्क नहीं हो सका है।

हिमाचल, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में हो रही भारी बारिश के चलते ट्रेनों का संचालन पटरी से उतर गया है। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल से लेकर अंबाला, फिरोजपुर व मुरादाबाद मंडलों की रेलसेवाएं 15 जुलाई तक बाधित रहेंगी। 

लखनऊ रेलखंड की 15 ट्रेनें प्रभावित रहेंगी, जिसमें सात ट्रेनें अगले आदेश तक रद्द कर दी गई हैं। दूसरी ओर आठ ट्रेनों को बीच रास्ते में निरस्त यानी शॉर्ट टर्मिनेट करने का निर्णय लिया गया है।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि बारिश के चलते ट्रेनों का संचालन बाधित हो रहा है। लखनऊ मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर टिकट के रिफंड के लिए अतिरिक्त काउंटरों का इंतजाम किया गया है। 

रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 या एनटीईएस पर जानकारी लेने के बाद पैसेंजर यात्रा पर निकलें। उत्तर रेलवे ने दो दिनों में 52 लाख 93 हजार 938 रुपये यात्रियों को रिफंड किए हैं।

जानकारी दी गई है कि 13006 अमृतसर-हावड़ा मेल, 12238 जम्मूतवी-लखनऊ एक्सप्रेस, 22318 जम्मूतवी-सियालदह एक्सप्रेस, 13152 जम्मूतवी-कोलकाता एक्सप्रेस, 14218 चंडीगढ़-प्रयागराज संगम एक्सप्रेस, 12232 चंडीगढ़ -लखनऊ एक्सप्रेस व 12356 जम्मूतवी-पटना एक्सप्रेस 14 जुलाई तक कैंसिल रहेंगी। वहीं गुरुवार को 12325 कोलकाता-नांगलडैम एक्सप्रेस व ट्रेन नंबर 15097 भागलपुर-जम्मूतवी अमरनाथ एक्सप्रेस निरस्त रहेंगी, जबकि 15 जुलाई को 12326 नांगलडैम-कोलकाता एक्सप्रेस कैंसिल रहेगी।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 18104 अमृतसर-टाटानगर एक्सप्रेस चारबाग रेलवे स्टेशन से ही चलाई जाएगी। वहीं 14674 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस मुरादाबाद से चलेगी, 12328 देहरादून-हावड़ा मुरादाबाद से और 15652 जम्मूतवी-गुवाहाटी एक्सप्रेस सहारनपुर से चलाई जाएगी।

दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब व हरियाणा में हो रही भारी बारिश के चलते रोडवेज ने अगले आदेश तक दिल्ली, चंडीगढ़ और देहरादून रूट की बस सेवाएं रद्द कर दी हैं। आलमबाग बस अड्डे से दिल्ली की 96, उत्तराखंड की 12, हरियाणा की 6 और चंडीगढ़ की 4 बसें कैंसिल की गई हैं। यानी 118 बसों का संचालन रद्द हुआ है।

यूपी परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर ने बताया कि लखनऊ से दिल्ली रूट की बसें कौशांबी बस अड्डे तक ही भेजी जा रही हैं। आनंदविहार या दिल्ली के अन्य बस अड्डों पर यूपी रोडवेज की एसी व साधारण बसों का संचालन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। सहारनपुर, कौशांबी और चंडीगढ़ के अधिकारियों से बात हुई है। उनकी रिपोर्ट पर बसों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई है। 

जिन यात्रियों ने इन रूटों की बसों में एडवांस में सीट बुक कराई थी, उनको हफ्ते भर में रिफंड भेज दिया जाएगा। यात्री परिवहन विभाग के टोल फ्री नंबर 18001802877 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

भारी बारिश के चलते एक ओर बसों और ट्रेनों पर पड़े असर के बाद विमानों से यात्रियों को राहत मिल रही है। विमानों के टिकट अभी आसमान नहीं पहुंचे हैं। लखनऊ से दिल्ली की नॉनस्टॉप फ्लाइटों के टिकट 3536 रुपये से 4166 रुपये तक मिल रहे हैं। 

लखनऊ से चंडीगढ़ की इंडिगो की डायरेक्ट उड़ान के टिकट 3601 रुपये तो कनेक्टिंग उड़ान के 8839 रुपये में मिल रहे हैं। लखनऊ से देहरादून के लिए इंडिगो की डायरेक्ट फ्लाइट के टिकट 3192 रुपये व एलायंस के 3326 रुपये व कनेक्टिंग उड़ान के 8165 रुपये में मिल रहे हैं। लखनऊ से जम्मू की उड़ान का टिकट इंडिगो एयरलाइंस में 6963 रुपये में मिल रहा है।

कांवड़ यात्रा को लेकर बुधवार 12 जुलाई शाम चार बजे से 16 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक करीब 92 घंटे के लिए गोरखपुर-लखनऊ हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। 

पड़ोसी जनपदों की सीमाओं से ही वाहनों को अलग-अलग स्थानों से डायवर्ट कर उनके गंतव्य को रवाना किया जाएगा। कांवड़ियों के वाहन व आपातकालीन सेवाओं के वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लागू होगा। वहीं बस्ती जिले से बुधवार शाम तक करीब 20 हजार कांवड़िये अयोध्या पहुंच गए थे।

श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को बस्ती जिले के शिवभक्त बाबा भदेश्वरनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। इसके लिए हजारों शिवभक्त कांवड़िये पैदल, बाइक, चार पहिया वाहनों व ट्रैक्टर ट्रॉली से अयोध्या आते हैं। यह क्रम करीब तीन दिन पूर्व से ही शुरू हो जाता है। ये कांवड़िये सरयू स्नान कर नागेश्वरनाथ पर जलाभिषेक करने के बाद बस्ती जिले के सिद्ध स्थान भदेश्वरनाथ के लिए पैदल रवाना होते हैं। 

इस बार त्रयोदशी 15 जुलाई को पड़ रही है, कांवड़ियों का जत्था 13 जुलाई की शाम तक अयोध्या पहुंच जाएगा जो 14 जुलाई सुबह से वापस होने लगेगा। इनके आवागमन में बाधा न हो, इसके लिए कई वर्षों से हाईवे बंद कर डायवर्जन लागू किया जाता रहा है।

एक अनुमान के मुताबिक, इस बार कांवड़ यात्रा में करीब छह से सात हजार दो व चार पहिया वाहन आ सकते हैं। ज्यादातर कांवड़िये जल भरने के बाद नंगे पैर पैदल डीजे की धुन पर नाचते गाते बाबा भदेश्वरनाथ के लिए रवाना होते हैं। 14 जुलाई से वापसी का क्रम प्रारंभ होगा, जो रात भर जारी रहेगा। वापसी में हाईवे पर अयोध्या व बस्ती प्रशासन की अग्नि परीक्षा होती है। अयोध्या से लेकर बस्ती तक हाईवे पर चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पीएसी बल भी तैनात किया गया है। वहीं दोनों जिलों की पुलिस आपस में समन्वय बनाकर काम कर रही है।

कांवड़ियों के लिए बुधवार को यातायात पुलिस ने एक लेन सुरक्षित रखी गई जबकि दूसरी लेन से समय सीमा से पहले प्रवेश कर चुके वाहन गुजरते रहे, इससे भारी जाम लगा रहा। भीड़ बढ़ने पर दोनों लेन को बंद कर दिया जाएगा। 

गोरखपुर-बस्ती, गोंडा, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी की सीमाओं से ही बड़े वाहनों को डायवर्ट किया जा रहा है। निर्धारित समय सीमा के अंदर जो वाहन डायवर्जन स्थल को पार कर चुके थे, उन्हें जाने के लिए एक लेन खोली गई है। इसके चलते इस लेन पर लंबा जाम दिखा।