उत्तरप्रदेश के 6 विद्यार्थियों ने परीक्षा में फेल होने या कम नंबर आने की वजह से मौत को गले लगाया।

आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों में किसी ने 10वीं की परीक्षा और किसी ने 12वीं की परीक्षा दी थी, जिसमें वे फेल हो गए थे या कम नंबर पाए थे।
 
ग्लोबल भारत न्यूज


उत्तरप्रदेश के 6 किशाेरों ने परीक्षा में फेल होने या कम नंबर आने की वजह से मौत को गले लगाया। 

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 27 अप्रैल।

आत्महत्या करने वाले छात्रों में किसी ने 10वीं की परीक्षा और किसी ने 12वीं की परीक्षा दी थी, जिसमें वे फेल हो गए थे या कम नंबर पाए थे।

बीते दिनों उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट जारी किया था। 

पहली घटना महाराजगंज जिले फरेंदा क्षेत्र के मथुरानगर में हुई जहां एक छात्र ने 12वीं की परीक्षा में फेल होने पर दूध में जहर मिलाकर पी लिया। हालात बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। 

परिजनों ने बताया उनका बेटे ध्रुव ने 12वीं की परीक्षा दी थी, उसे उम्मीद थी कि वह अच्छे नंबर से पास होगा। बीते दिन रिजल्ट चेक करने पर ध्रुव को पता चला कि वह फेल हो गया है और वह फूट-फूट कर रोने लगा। कुछ देर बाद उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और इसी बीच जहर की पांच गोलियां दूध में मिलाकर पी ली। इसके बाद वह तड़पने लगा। परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां हालत खराब होने पर बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया और वहां उसने दम तोड़ दिया।

खेती कर जीवन यापन करने वाले पिता लालचंद्र चौधरी ने कहा कि फेल होने पर सभी लोग बेटे हौसला बढ़ा रहे थे, लेकिन उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

दूसरी घटना बांदा जिले में हुई जहां के जहीर क्लब के पास रेलवे के होम व आउटर सिग्नल के बीच मंगलवार शाम रेलवे पटरी पर 15 वर्षीय किशोर का ट्रेन से कटा शव आरपीएफ व जीआरपी ने बरामद किया। पहचान करवाई गई तो पता चला कि किशोर बंगालीपुरा मुहल्ला निवासी अजय कुमार का बेटा हेमंत है।


परिजनों ने बताया कि हेमंत ने हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। वह दोस्तों के साथ कल रिजल्ट देखने गया था। रिजल्ट देखने पर उसे पता चला कि उसे सिर्फ 60 प्रतिशत नंबर ही मिले हैं, जबकि उसके दोस्तों के 80 प्रतिशत नंबर आए थे। नंबर कम आने से वह दोस्तों संग वापस नहीं लौटा और बाद में उसका शव बरामद हुआ। आशंका है कि उसने ट्रेन से कटकर आत्महत्या की है।

तीसरी घटना कन्नौज के सौरिख में हुई जहां यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर एक छात्रा ने साड़ी का फंदा गले में कसकर आत्महत्या कर ली।

थाना सौरिख के गांव खानपुर निवासी सुधीर सविता किसान हैं। साथ ही ट्रैक्टर से मोबाइल चक्की चलाते हैं। उनकी 15 वर्षीय बेटी नेहा उर्फ दुर्गा ऋषिभूमि इंटर कालेज सौरिख में 10वीं की छात्रा थी। मंगलवार को परीक्षा परिणाम आया तो नेहा अनुत्तीर्ण हो गई। इसके बाद से ही वह परेशान थी।

चौथी घटना बरेली के नवाबगंज में हुई जहां एक छात्रा काजल ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने पर सुसाइड कर लिया। वह खुशी-खुशी सहेली संग रिजल्ट चेक कर रही थी। सहेली पास हो गई। उसका रिजल्ट खुला तो फेल होने की जानकारी हुई। यह देख वह सहेली के सामने आत्मग्लानि सी महसूस करने लगी और कमरे में लगे कुंडे में फंदा लगाकर खुदकुशी कर लिया।

शाहजहांपुर में भी माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट परीक्षा में दो छात्रों ने फेल होने पर आत्महत्या कर ली। यह घटनाएं सिंधौली व मिर्जापुर क्षेत्र में हुई। दोनों के शव फंदे पर लटके मिले। सिंधौली निवासी छात्र लगातार दूसरी बार फेल हुआ था।

फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज में हुई जहां हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हुई छात्रा ने कीटनाशक दवा पीकर जान देने का प्रयास किया। हालत बिगड़ने पर स्वजन छात्रा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। इलाज के बाद छात्रा को घर ले जाया गया। 

गांव नगला बसाह निवासी राजेश कुमार की 15 वर्षीय पुत्री हेमा आरपी इंटर कालेज कमालगंज में हाईस्कूल पढ़ती है। मंगलवार को यूपी बोर्ड के घोषित हुए परीक्षा परिणाम में हेमा फेल हो गई थी, जिससे क्षुब्ध हेमा ने बुधवार दोपहर घर में रखी कीटनाशक दवा पीकर जान देने का प्रयास किया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर है।