कुलपति विनय पाठक के मामले में एक और गिरफ्तारी राजस्थान से।

प्रोफेसर विनय पाठक व उनके करीबी अजय मिश्रा पर दर्ज मुकदमे में एसटीएफ ने एक और आरोपी 'इंटरनेशनल बिजनेस फर्म' अलवर राजस्थान के मालिक अजय जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

कुलपति विनय पाठक के मामले में एक और गिरफ्तारी राजस्थान से।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 7 नवम्बर।


प्रोफेसर विनय पाठक व उनके करीबी अजय मिश्रा पर दर्ज मुकदमे में एसटीएफ ने एक और आरोपी 'इंटरनेशनल बिजनेस फर्म' अलवर राजस्थान के मालिक अजय जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।

एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक अजय मिश्र और अजय जैन के बीच प्रोफेसर पाठक के इशारे पर बड़े पैमाने पर रुपये का लेन देन हुआ है। पड़ताल में इसकी पुष्टि होने के बाद रविवार रात 9 बजे गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को इंदिरानगर थाने में दाखिल कर दिया गया है।

एसएसपी  एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी  अजय जैन मूलरूप से राजस्थान के अलवर का रहने वाला है। वर्तमान मे वह डीएलएफ गुड़गांव के फेज 3 में रहता है । वह इंटरनेशनल बिजनेस फर्म संचालित करता है। 

मामले की जांच कर रहे डिप्टी एसपी अवनीश्वर श्रीवास्तव के मुताबिक  इंदिरानगर थाने मे डेविड मारियो ने प्रोफेसर विनय पाठक और अजय मिश्र पर वसूली का केस दर्ज कराया था। इस मामले दूसरे दिन एसटीएफ ने अजय को 10 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था।

पड़ताल मे सामने आया कि राजस्थान के अलवर की इंटरनेशनल विजनेस फर्म  के मालिक अजय जैन कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के कमीशन के रुपये को ठिकाने लगाने का काम करता था। इसके लिए वह फर्जी एवं कूटरचित बिल भी तैयार करता था। जांच मे इसकी पुष्टि होने के बाद आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।  

पूछताछ एवं दस्तावेज की जांच में पाया गया कि अजय जैन ने  रजिस्टर्ड कंपनी होते हुए भी भ्रष्टाचार संबंधी रुपये का लेन देन किया गया।  उसे फर्जी एवं कूटरचित बिल व ईवे बिल के माध्यम से मैनेज किया गया था। 

इसी आधार पर  अजय जैन को रात 9 बजे  गिरफ्तार किया गया। डिप्टी एसपी अवनीश्वर श्रीवास्तव के मुताबिक इस मुकदमे मे अब जालसाजिए कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने की धारा बढ़ाई गई है।

एसटीएफ को जानकारी मिली है कि प्रो. विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा का प्रभाव कई विश्वविद्यालयों में था। इसका खुलासा एसटीएफ की पड़ताल में हुआ। 

अजय मिश्रा कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के कार्यालय में सीधे दखल देता था। वही प्री व पोस्ट परीक्षा का संचालन तय करता था। अजय के निर्णय को विश्वविद्यालयों के अधिकारी कभी नहीं टालते थे। अब एसटीएफ इन विश्वविद्यालयों के कुलपति कार्यालय व परीक्षा विभाग में तैनात अधिकारियों को पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाने की तैयारी कर रही है

एसटीएफ अधिकारी के मुताबिक इस मामले में अब तक 12 से अधिक विश्वविद्यालयों के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पता चला कि अजय किसी भी विश्वविद्यालय के वीसी से एक कॉल पर मुलाकात तय करवा देता था। 

एसटीएफ के अधिकारी अजय मिश्रा का नेटवर्क देखकर हैरान हैं। डेविड की कई शिकायतें सही साबित हो रही हैं। अजय प्रो. पाठक का बेहद करीबी तो था ही, उसके कई अधिकारियों से भी करीबी रिश्ते निकले हैं। 

अजय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व अधिकारियों की लक्जरी सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखता था। उनके लिए वाहन भी उपलब्ध कराता था। उन्हें और उनके परिवार को घूमने तक की व्यवस्था करा था।