यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों को बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए 30 मई तक का समय दिया है। कहा कि वेतन भुगतान भी इसी से जोड़ा जाएगा।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 19 अप्रैल।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों को बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए 30 मई तक का समय दिया है। कहा कि वेतन भुगतान भी इसी से जोड़ा जाएगा।

उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्मिकों की अटेंडेंस अब बायोमीट्रिक प्रणाली से लगेगी।  बायोमीट्रिक को वेतन भुगतान से भी जोड़ा जाएगा‌ राज्यपाल ने जून 2022 से इस पर अमल करने का निर्देश दिया है।

विश्वविद्यालयों में समय से आना, निर्धारित कार्यालय अवधि में अपने दायित्वों का निर्वहन करना व विभिन्न रेगुलेटरी अथारिटीज की ओर से तय कार्य पद्धति व समय सारिणी का पालन करना अनिवार्य है। 

इसके लिए विश्वविद्यालयों में उपस्थिति पंजिका की व्यवस्था लागू है। वेतन भी उपस्थिति पंजिका के आधार पर ही दिया जाता रहा है।

राज्यपाल आनंदीबेन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। उनका कहना है कि तकनीकी विकास के दौर में अब कार्यालयों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की जाए। उन्होंने आदेश दिया है कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्मिकों की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली से अनिवार्य रूप से दर्ज कराई जाए।

इसके लिए पर्याप्त संख्या में उपस्थिति अंकित करने के लिए उपकरण लगाए जाएं, इनमें चेहरा व अंगूठा पहचानने की क्षमता हो। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि सबकी हाजिरी एक केंद्रीकृत स्थल पर उपलब्ध हो सके।

राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी का वेतन इसी उपस्थिति प्रणाली पर आधारित होगा, उसे पे-मास्टर या वेतन भुगतान पद्धति से लिंक कराया जाए। इसके लिए बाजार में बहुत से साफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जो आसानी से लगाए जा सकते हैं।

इन उपकरणों की सुरक्षा करने के साथ यह भी ध्यान रखा जाए कि संचालन सही हो रहा है। उपकरण का नियमित रखरखाव करें। 

राज्यपाल ने आदेश में लिखा है कि यह व्यवस्था विश्वविद्यालय में विलंबतम 30 मई तक अनिवार्य रूप से स्थापित व संचालित करा दी जाए और जून माह का वेतन इसी प्रणाली से दिया जाए जो आगे भी जारी रहे।

वस्तुत: राज्यपाल को समीक्षा बैठकों और आगंतुकों से मुलाकात में पता चला कि राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्मिक तय समय पर उपस्थित नहीं होते और कार्यालय के दायित्वों का निर्वहन भी नहीं करते। कुछ कार्मिक सुबह आ जाते हैं लेकिन मध्यान्ह तक घर चले जाते हैं। इस पर राज्यपाल ने आपत्ति जताई थी और अब तकनीक से हाजिरी को जोड़ने का आदेश दिया है।

राज्यपाल आनंदीबेन ने विश्वविद्यालयों को नेट मूल्यांकन और शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार की वीडियोग्राफी कराने का आदेश जारी कर चुकी हैं। 

महामहिम राज्यपाल ने कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की इस बात के लिए प्रशंसा किया है कि उन्होंने डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य किया था।