यूपी के हर जिले में खुलेंगे साइबर थाने, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इसके लिए संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलीजेंस को बेहतर बनाना होगा। प्रदेश की अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर भी चौकसी बढ़ाई जाए।
 
योगी आदित्यनाथ

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 30 अक्टूबर:- यूपी के हर जिले में साइबर थाने खुलेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग से इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने मादक द्रव्यों के खिलाफ अभियान और तेज करने को कहा है। मुख्यमंत्री शनिवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस, अग्निशमन व महिला सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इसके लिए संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलीजेंस को बेहतर बनाना होगा। प्रदेश की अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर भी चौकसी बढ़ाई जाए। गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा। बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।    

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमाएं साझा करता है। विकास और सुरक्षा की दृष्टि से सीमा प्रबंधन अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय है। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील व विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती की जाए। सभी विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता भी रहे। उन्होंने कहा कि जिलों में समीपवर्ती राज्यों व राष्ट्र से आवागमन होता रहता है। ऐसे में ये जिले अन्य राज्यों व राष्ट्र के लिए हमारे ब्रांड एम्बेसडर सरीखे होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो। इन जिलों में मंडी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल व बेहतर परिवहन की व्यवस्था होनी चाहिए। सीमावर्ती जिलों में प्रदेश पुलिस की एसएसबी के दल के साथ संयुक्त पेट्रोलिंग कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निशमन का अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) जारी करने की व्यवस्था को और व्यवहारिक बनाए जाने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ अन्य आवश्यक बदलावों को अंगीकार करते हुए फायर एक्ट को और बेहतर बनाया जाना चाहिए। महिला सुरक्षा में ‘सेफ सिटी परियोजना’ उपयोगी सिद्ध हो रही है। गृह, नगर विकास, आवास, संस्थागत वित्त और राज्य कर विभाग परस्पर बैठक कर जनसहयोग के माध्यम से सभी सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे, पिंक टॉयलेट व बसों में पैनिक बटन आदि सुरक्षा प्रबंध करने की कार्ययोजना तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा व अपराध नियंत्रण में सीसीटीवी कैमरों की महत्वपूर्ण भूमिका का सभी ने अनुभव किया है। वर्तमान में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। बड़ी संख्या में व्यापारियों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने में सहयोग किया है। हमें इसे एक मुहिम का रूप देना होगा। सेफ सिटी परियोजना की उपयोगिता को देखते हुए सभी नगर निगमों तक इसका विस्तार किया जा सकता है। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। उपकरण की जरूरत हो या ट्रेनिंग की, सभी आवश्यकताओं की पूर्ति तत्काल कराई जाए। बैठक में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, डीजीपी डीएस चौहान, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण व सूचना निदेशक शिशिर सहित कई वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे।