लखीमपुर की घटना में मंत्रीपुत्र आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं।

आशीष मिश्रा इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे लेकिन  शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को उपयुक्त कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

लखीमपुर की घटना में मंत्रीपुत्र आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 11 नवम्बर।

आशीष मिश्रा इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे लेकिन  शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को उपयुक्त कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्देश दिया है।

लखीमपुर के तिकुनियां में बीते वर्ष हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के मामले के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सुप्रीम कोर्ट ने बैरन वापस कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की याचिका पर उसको राहत नहीं दी है। 

करीब 11 महीने से जेल में बंद आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सुप्रीम कोर्ट ने उपयुक्त पीठ के समक्ष इस प्रकरण को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा के केस में केन्द्र सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई ना होने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। 

सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत पर आज सुनवाई के दौरान कहा कि वह किसी उपयुक्त कोर्ट में याचिका दायर करें।

लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर 2021 को हिंसा में हुई किसानों के मौत के मामले में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। 

आशीष मिश्रा मोनू के एडवोकेट रंजीत कुमार ने इस दौरान कहा कि आशीष बीते 11 महीने से जेल में है।

रंजीत कुमार ने कहा कि वहां पर तीन अक्टूबर को किसान घेराव कर रहे थे। वहां पर गोली चलने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। वहां पर गाड़ी अनियंत्रित होने का मामला है। इसमें हाईकोर्ट के जज के नेतृत्व में जांच भी हो चुकी है। इस केस की चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। 

उन्होंने कहा कि वहां पर घटना से चार किलोमीटर दूर कुश्ती का आयोजन था, यह गलत बताया गया कि वहां की यह घटना पूर्वनियोजित थी।