ताजमहल के 22 बंद कमरों की ASI से जांच कराने के लिए याचिका दायर

राममंदिर के बाद अब भाजपा की नजर आगरा के इतिहासिक स्थल ताजमहल पर है जिसे वह भगवान शिव का मंदिर बता रहें हैं। 
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ,8 मई 2022। अयोध्या के भाजपा जिला मीडिया प्रभारी डॉ.रजनीश सिंह की तरफ से हलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर किया है जिसमे उन्होंने ताजमहल के बंद 22 कमरों को एएसआई की निगरानी में कमेटी गठित कर कमरों को खोलवाकर उसकी वीडियो ग्राफी कराई जाये जिससे शिव मंदिर का रास्ता साफ हो सके उन्होंने बताया कि जब अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्म स्थली के लिये न्यायलय ने वर्षों की लड़ाई के बाद हुन्दुओ के पक्ष में फैसला किया तो फिर ताजमहल प्रकरण पर भी हिन्दुओ को न्याय मिलेगा। याचिका में उन्होंने एएसआई से ताजमहल परिसर के अंदर 22 से अधिक कमरों के दरवाजे खोलने की मांग किया हैं।हाईकोर्ट से सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने की भी मांग की है।मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल के अंदर छिपी मूर्ति और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने का निर्देश देने की भी मांग उठाई है।याचिका में तर्क दिया गया है कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है, जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था, याचिका में दलील दी गई है कई इतिहासकारों ने भी इस बात का समर्थन किया है। याचिका में कहा गया है कि 4 मंजिली इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं,जो अस्थाई रूप से बंद है दावा किया जा रहा है कि उन कमरों में भगवान शिव का मंदिर है, याची ने बीजेपी अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का किया है दावा, याचिकाकर्ता ने लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दाखिल की है याचिका, कहा गया है कि ताजमहल प्राचीन स्मारक है और स्मारक के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, इसके बारे में सही और पूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को जनता के सामने लाना चाहिए।