गंगा विलास क्रूज की शुरूआत से पहले सियासत जारी, क्रूज़ चलने से बढ़ेगी बेरोजगारी- सपा नेता राजपाल कश्यप

बीजेपी केवटों, नाविकों और निषादों की विरोधी है, उनके मूल व्यापार को खत्म करना चाहती है। सपा नेता राजपाल कश्यप ने कहा कि प्रयागराज में मल्लाह, केवट की नाव को जेसीबी से तुड़वाने का काम किया था। तब हमने समाजवादी पार्टी के फंड से उनकी मदद की थी, हमने ही प्रशासन से बात भी की थी क्योंकि उल्टे नाविकों पर ही मुकदमा भी लिखा गया था।
 
गंगा विलास क्रूज

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 13 जनवरी:- गंगा विलास क्रूज पर जारी सियासत के बीच सपा नेता राजपाल कश्यप ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमेशा निषाद और नाविकों की बात उठाई है। बीजेपी केवटों, नाविकों और निषादों की विरोधी है, उनके मूल व्यापार को खत्म करना चाहती है। सपा नेता राजपाल कश्यप ने कहा कि प्रयागराज में मल्लाह, केवट की नाव को जेसीबी से तुड़वाने का काम किया था। तब हमने समाजवादी पार्टी के फंड से उनकी मदद की थी, हमने ही प्रशासन से बात भी की थी क्योंकि उल्टे नाविकों पर ही मुकदमा भी लिखा गया था। वाराणसी में जो क्रूज़ चल रहा जब वह चल जाएगा तो जो नाविक, केवट, मल्लाह है उनके पास कोई रोजगार नहीं रहेगा। राजपाल कश्यप ने आरोप लगाया कि निषादों को जो आरक्षण सपा ने दिया था वह भी योगी सरकार ने कोर्ट में ठीक से पैरवी ना करके कैंसिल करवा दिया। क्रूज चलने से ये लोग बेमौत मारे जाएंगे। बीजेपी ने राम के नाम पर सरकार बनाई, लेकिन राम के साथ निषादों का क्या रोल था उसे कभी याद नहीं करते। निषाद समाज के लोगों के बारे में कभी नहीं सोचते, कोविड काल में नावें बंद रही। सरकार ने उनसे फार्म भरवाएं लेकिन एक रुपये की मदद नहीं की, नाविक चिंतित है कि जब क्रूज चल जाएगा तो उनकी नाव पर कौन बैठेगा। ये बस अपने उद्योगपतियों के क्रूज चलाना चाहते हैं।

राजपाल कश्यप ने कैबिनेट मंत्री संजय निषाद पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि कहां चले गए निषाद पार्टी वाले जो कहते थे कि निषादों को आरक्षण दिलाएंगे। मंत्री बनने के बाद उनकी हैसियत नहीं कि वह निषादों की बात करें, क्रूज़ बंद कराएं, नाव चलवाएं। राजपाल ने कहा कि गुजरात का क्रूज वापस गुजरात जाएगा, वाराणसी में सिर्फ नाव चलेंगी केवट, मल्लाह की इसके लिए आंदोलन करना पड़ा तो भी सपा करेगी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट को लेकर भी राजपाल कश्यप ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि इतना अंतर उनको पता होता तो वह उपमुख्यमंत्री नहीं होते। अगर वो इतने हितैषी बनते तो निषादों को आरक्षण दिला देते, वह क्रूज निषादों को दे दें। निषादों की नाव तक का बीमा नहीं होता, निषादों की जयंती पर अखिलेश यादव ने अवकाश किया था जिसे योगी सरकार ने कैंसिल कर दिया। जो मछुआरों को मदद देती थी सपा सरकार, वह इन्होंने बंद कर दी, पिछड़े दलितों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है। सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है, जो पहले खुद का काम करते थे वह अब सिर्फ ठेकेदार होकर रह गए हैं, क्योंकि गुजरात से लोग आएंगे और यह उनका ठेका लेकर काम करेंगे।