हनुमानगढ़ी के संत राजूदास और सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच हाथापाई हो गई।

मौर्य ने आरोप लगाया है कि तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राजू दास, महंत परमहंस दास और उनके समर्थकों ने तलवार और फरसा लेकर उन पर हमला करने की कोशिश की।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

हनुमानगढ़ी के संत राजूदास और सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच हाथापाई हो गई।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 16 फरवरी।

मौर्य ने आरोप लगाया है कि तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राजू दास, महंत परमहंस दास और उनके समर्थकों ने तलवार और फरसा लेकर उन पर हमला करने की कोशिश की।

दोनों के समर्थकों के बीच भी मारपीट हुई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह मामला शांत कराया। 

गोमतीनगर के एक होटल में एक न्यूज चैनल की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। स्वामी प्रसाद का सेशन दोपहर 12 बजे था, जबकि राजूदास का दो बजे। राजूदास अन्य संतों के साथ पहले ही वहां पहुंच गए। 

पुलिस के मुताबिक इंटरव्यू खत्म होने के बाद स्वामी प्रसाद वहां से जाने लगे। तभी राजूदास व अन्य संत उनके पीछे लग गए और दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हो गई। इसी दौरान राजूदास व स्वामी प्रसाद के बीच हाथापाई हो गई। 

एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि वीडियो फुटेज में दोनों पक्षों से नारेबाजी व एक-दो लोगों के बीच हाथापाई दिख रही है। जांच जारी है। तहरीर मिलेगी तो एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। 

प्रदेश में रामचरित मानस की चौपाइयों के विरोध का सहारा लेकर स्वामी मौर्य अपना सियासी महत्व बनाए रखने की कोशिश में जुटे हैं। दूसरी ओर उनका विरोध भी चरम पर है और अब मामला हाथापाई तक पहुंच गया है।

बुधवार को स्वामी प्रसाद और अयोध्या हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास व समर्थकों के बीच जमकर हाथापाई हुई।  

उल्लेखनीय है कि सपा के एमएलसी ने रामचरित मानस की चौपाई को वर्ग एवं वर्ण विरोधी बताते हुए उसे हटाने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है।

स्वामी प्रसाद ने बताया कि वह कार्यक्रम में जा रहे थे। पुजारी के समर्थकों ने हाथापाई कर दी। इस मामले में उन्होंने पुलिस कमिश्नर को पत्र भी भेजा है। उन्होंने कहा कि चैनल के मंच पर भी हमने कहा कि रामचरित मानस की उन चौपाइयों से आपत्ति है, जिसमें महिलाओँ एवं दलितों को अपमानित करने वाली बात लिखी गई है। 

कहा कि वह अन्य चौपाइयों का स्वागत करते हैं। धर्म का मकसद मानव कल्याण और मानव सम्मान है। हमारे देश में महिलाओं की पूजा होती है। ऐसे में महिलाओं, दलितों एवं पिछड़ों को नीच कहना सड़ी गली मानसिकता का परिचायक है। मानव अपमान धर्म का हिस्सा नहीं है।

दूसरी तरफ, हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने आरोप लगाया कि वह कार्यक्रम से लौट रहे थे। तभी स्वामी प्रसाद ने उन्हें भगवा आतंकी कहा। उनके समर्थकों ने मारपीट की। उनके खिलाफ समाज में नफरत फैलाने और समाज को बांटने की साजिश रचने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। ये लोग दंगा फैलाना चाहते हैं। लेकिन इसे किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक पुस्तकों पर हमला करके समाज के बीच बंटवारा और अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। इसे नहीं होने दिया जाएगा।  

जगद्गुरू परमहंसाचार्य ने कहा कि हम सभी संत ताज होटल में एक चैनल के कार्यक्रम में जा रहे थे। इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य भी अपने समर्थकों के साथ आ गए। संतों पर अभद्र टिप्पणी की और हमलावर हो उठे। कहा कि एक तो स्वामी प्रसाद रामचरित मानस की प्रतियां जलाते हैं दूसरे संतों पर हमले भी करते हैं, उन पर तत्काल रासुका लगाया जाना चाहिए।