व्यापारी को अपहरण करने के आरोप में दरोगा, हेड कांस्टेबल और एक बर्खास्त सिपाही गिरफ्तार। तीन अन्य नामजद की तलाश।

व्यापारी इश्तियाक का अपहरण करने में हसनगंज थाने के दारोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबल यूसुफ तथा बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव को पकड़ा गया है। नजीम, शेखर और दिनेश गुप्ता की तलाश है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

व्यापारी को अपहरण करने के आरोप में दरोगा, हेड कांस्टेबल और एक बर्खास्त सिपाही गिरफ्तार। तीन अन्य नामजद की तलाश।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लखनऊ, 3 नवम्बर।

व्यापारी इश्तियाक का अपहरण करने में हसनगंज थाने के दारोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबल यूसुफ तथा बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव को पकड़ा गया है। नजीम, शेखर और दिनेश गुप्ता की तलाश है।

आरोप है कि आजमगढ़ के व्यापारी इश्तियाक को यहां निरालानगर के चरन गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर रखा गया और पीटने के बाद 20 हजार रुपये छीन लिए। इसके बाद सवा लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई।

सोशल मीडिया से मामला सामने आने पर दारोगा, हेड कांस्टेबल और बर्खास्त सिपाही के साथ अपहरण में शामिल नजीम, शेखर उर्फ चुन्नू और दिनेश गुप्ता के खिलाफ इंस्पेक्टर हसनगंज राजकुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। 

दारोगा अनुराग और हेड कांस्टेबल यूसुफ को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने देर रात दारोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबल यूसुफ और बर्खास्त सिपाही को हिरासत में ले लिया।

तीन अन्य नामजद की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। इंस्पेक्टर हसनगंज की तहरीर के मुताबिक इश्तियाक आजमगढ़ में गर्म कपड़े की फेरी लगाता है और चोरी के आरोप में जेल जा चुका है।

मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले इश्तियाक ने बताया कि दारोगा अनुराग, हेड कांस्टेबल यूसुफ, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र के अलावा अन्य आरोपित बोलेरो से आजमगढ़ पहुंचे थे। वहां से बंधक बनाकर तीन दिन पहले लखनऊ लाए और उसे निरालानगर में चरन गेस्ट हाउस में रखा।

इसके बाद 24 घंटे में सवा लाख रुपये देने के लिए कहा और न देने पर धमकाया। इश्तियाक ने सवा लाख रुपये की व्यवस्था की तो छोड़ दिया। इसके बाद इश्तियाक ने हसनगंज थाने में तहरीर दी। जानकारी होने पर डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने मामले का संज्ञान लिया और एसीपी महानगर को जांच सौंपी। जांच में पूरे घटनाक्रम में पुलिसकर्मियों की भूमिका पाई गई है।

दरअसल पुलिसकर्मियों में लूटपाट और रंगदारी के सवा लाख रुपयों के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। कई आरोपित विवाद के दौरान शराब के नशे में भी थे। इस बीच आरोपित शेखर ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित कर दिया। वीडियो प्रसारित होने पर पूरा राज खुला। शेखर ने अपनी छवि साफ बताते हुए इश्तियाक से मिलकर थाना हसनगंज में मामले की तहरीर दिला दिया।

तफ्तीश में लगी पुलिस टीम को सर्विलांस और सीसी फुटेज से साक्ष्य मिले। दारोगा और हेड कांस्टेबल समेत छह आरोपितों के आजमगढ़ जाने की पुष्टि सर्विलांस और सीसी फुटेज से हुई। यह भी पता चला कि वसूली के लिए ही धमकाकर छह आरोपित व्यापारी इश्तियाक को उठाकर लाए थे। 

शनिवार को शेखर का एक वीडियो और इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें वह खुद को निर्दोष बता रहा है।