अखिल भारतीय भवन एवं अन्य मजदूर फेडरेशन (संबद्ध एटक) का धरना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण बोर्ड के राज्य कार्यालय पर आयोजित हुआ।

बोर्ड कार्यालय के सामने राष्ट्रीय आह्वान पर आयोजित इस एकदिवसीय शांतिपूर्ण धरना के अवसर पर एक सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश फेडरेशन के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा ने किया।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

अखिल भारतीय भवन एवं अन्य मजदूर फेडरेशन (संबद्ध एटक) का धरना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण बोर्ड के राज्य कार्यालय पर आयोजित हुआ।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लखनऊ, 29 फरवरी।

बोर्ड कार्यालय के सामने राष्ट्रीय आह्वान पर आयोजित इस एकदिवसीय शांतिपूर्ण धरना के अवसर पर एक सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश फेडरेशन के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा ने किया।

सभा को एटक उत्तर प्रदेश के मंत्री महेंद्र राय, निर्माण मजदूर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष धर्मजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री बालेंद्र सिंह, बिजली मजदूरों के नेता के एस रावत, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य शीतला प्रसाद विश्वकर्मा, जनपद प्रतापगढ़ से रामसूरत, प्रदेश उपाध्यक्ष धनंजय चौबे, प्रदेश मंत्री हनुमान प्रसाद, राघवेंद्र मिश्र, एटक लखनऊ के नेता रामेश्वर यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार आदि ने संबोधित किया। 

श्रमिक नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि बी ओ सी कल्याण कोर्स की धनराशि का अन्य किसी योजनाओं में डायवर्सन न किया जाए, देशभर में कल्याण योजनाओं में समानता ले आई जाए और जो निर्माण श्रमिक 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं या जो अपनी पेंशन का इंतजार कर रहे हैं सभी को न्यूनतम 6000 पेंशन दिया जाना सुनिश्चित किया जाए, कल्याण योजनाओं में निर्माण स्थलों में एवं बोर्ड के सभी स्तर के कार्यालय में लैंगिक अनुपात व सामान्य बनाया जाए, सभी कार्यालय में जो श्रमिक सहायता चाहते हैं उन्हें हेल्प  दी जाए, देश के सभी बोर्ड में अखिल भारतीय संनिर्माण मजदूर फेडरेशन का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए ताकि नीतियों की देखरेख व समन्वय सुनिश्चित हो सके, निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए बोर्ड के सभी स्तर के कार्यालय में अधिकारियों कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि की जाए, उपकार को एक प्रतिशत से बढ़कर दो प्रतिशत किया जाए, भवन एवं अन्य संनिर्माण अधिनियम 1996 में संशोधन करते हुए इसे आधुनिक संवेदनशील व निर्माण श्रमिकों के द्वारा सामना की जाने वाली उभरती जरूरत और चुनौतियों के अनुसार बनाया जाए, श्रम संहिता में श्रम संहिता अधिनियम 1996 सम्मिलित न किया जाए और श्रम संहिता को पूरी तरह से निरस्त किया जाए। 

यह भी मांग की गई कि उत्तर प्रदेश में 2020 से अब तक हुए आवेदन जो लंबित या निरस्त किए गए हैं और पात्र हैं उन सभी को योजनाओं का लाभ दिया जाए, राशन कार्ड की अनिवार्यता को योजनाओं का लाभ देने में समाप्त किया जाए। 

बोर्ड कार्यालय जो किसान मंडी परिषद भवन के दूसरे तल पर है वहां पर सभी आंदोलनकारी को जाने नहीं दिया गया था इसलिए अन्य साथी बोर्ड कार्यालय के सामने धरने पर थे और आधे साथी गेट बंद कर वहां प्रदर्शन कर रहे थे। 

बोर्ड से मांग की गई की या तो सभी प्रदर्शन मैं शामिल कर्मियों को बोर्ड कार्यालय के समक्ष आने की अनुमति प्रदान की जाए अथवा बोर्ड के अधिकारी नीचे गेट के पास चलकर ज्ञापन ले।  

बोर्ड की सचिव गजल भारद्वाज आईएएस से इस बीच फेडरेशन के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा और महामंत्री बलेंद्र सिंह ने मुलाकात की और ज्ञापन प्रदर्शन के संबंध में बातचीत की। उन्होंने अपने प्रतिनिधि बोर्ड के अपर सचिव मोहम्मद शमीम को ज्ञापन के लिए अपने प्रतिनिधि के रूप में निर्देशित किया। 

किसान मंडी समिति के गेट नंबर 3 पर प्रदर्शनकारियों से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को संबोधित केंद्रीय समस्या एवं राज्य स्तरीय समस्याओं का ज्ञापन प्राप्त किया। 

अंत में फेडरेशन के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा एवं महामंत्री बालेंद्र सिंह ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए सभी मजदूर नेताओं और नेत्रियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।