15 अप्रैल को आएगा मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी के 18 साल पुराने केस का फैसला

मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय की हत्या के अलावा रुंगटा अपहरण व हत्याकांड का भी मामला शामिल था। इस मामले में लगातार कोर्ट के तरफ से कार्यवाही चल रही थी, अभी हाल ही में इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में बहस हुई है। शनिवार को भी कोर्ट में इस मामले पर बहस हुई, कोर्ट इस मामले पर फैसला 15 अप्रैल को सुना सकती है।
 
Mukhtar Ansari & Afzal Ansari

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 03 अप्रैल:- साल 2007 में गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी और उसके भाई मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय जिनकी हत्या 29 नवंबर 2005 को हुई थी। उनको आधार बनाते हुए किया गया था, साथ ही मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय की हत्या के अलावा रुंगटा अपहरण व हत्याकांड का भी मामला शामिल था। इस मामले में लगातार कोर्ट के तरफ से कार्यवाही चल रही थी। अभी हाल ही में इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में बहस हुई है, शनिवार को भी कोर्ट में इस मामले पर बहस हुई। कोर्ट इस मामले पर फैसला 15 अप्रैल को सुना सकती है।

15 अप्रैल को आ सकता है फैसला- अधिक जानकारी देते हुए सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि सन 2005 में विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद 2007 में अफजाल अंसारी पर विधायक की हत्याकांड को लेकर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय की हत्याकांड के साथ ही वाराणसी के कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा हत्याकांड और उनके अपहरण मामले पर मुकदमा दायर किया गया था। इसके साथ ही वकील श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में कोर्ट में बहस की गई, जो बाकी बहस को शनिवार को पूरा किया गया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली तारीख 15 अप्रैल 2023 को निश्चित की है। इसी दिन इस मामले का फैसला आ सकता है।

क्या था पूरा मामला- बता दें कि साल 2005 में गाजीपुर जिले के मोहमदाबाद के बसनिया चट्टी पर कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके पश्चात 22 नवंबर 2007 को मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और उनके बहनोई एजाजुल हक पर गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, 2012 में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। वहीं, अब इस मामले पर कोर्ट 15 अप्रैल को फैसला सुना सकती है। वकील नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के मामले में 10 और अफजल अंसारी के मामले में 7 लोगों की गवाही हुई है।