पुरानी बिल्डिंग में मरम्मत के दौरान बिजली का करेंट उतरा। राजगीर की मौत और तीन अन्य घायल।

लखनऊ के कैसरबाग इलाके में दशकों पुरानी लखनऊ पब्लिशिंग हाउस की इमारत में मरम्मत के दौरान बृहस्पतिवार को कमरे में करंट उतरने से राजमिस्त्री की मौत हो गई। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

पुरानी बिल्डिंग में मरम्मत के दौरान बिजली का करेंट उतरा। राजगीर की मौत और तीन अन्य घायल।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लखनऊ, 3 नवम्बर।

लखनऊ के कैसरबाग इलाके में दशकों पुरानी लखनऊ पब्लिशिंग हाउस की इमारत में मरम्मत के दौरान बृहस्पतिवार को कमरे में करंट उतरने से राजमिस्त्री की मौत हो गई। 

जबकि उसकी पत्नी व दो मजदूर झुलस गए। सिविल अस्पताल में तीनों का इलाज चल रहा है।

कानपुर के रहने वाले ठेकेदार सुकेश ने कुछ माह पहले कैसरबाग के शिवाजी रोड स्थित लखनऊ पब्लिशिंग हाउस की इमारत की मरम्मत का ठेका लिया था। 

ठेकेदार के मुनीम सोनभद्र निवासी सरफराज ने बताया कि रोज की तरह बृहस्पतिवार को सभी मजदूर काम कर रहे थे। शाम चार बजे वहां बने एक कमरे में सोनभद्र निवासी राजमिस्त्री मनोज (50), उनकी पत्नी सूर्यवंती (45), कानपुर निवासी मजदूर नोखी (25) और दीनदयाल (50) प्लास्टर कर रहे थे। कमरे में अंधेरा होने पर मजदूर मनोज ने ट्यूबलाइट जलाने के लिए स्विच ऑन किया और पूरे कमरे में करंट उतर आया।

करंट की चपेट में आने से वहां मौजूद चारों लोग झुलस गए। चीख पुकार सुनकर लोगों ने सबसे पहले कमरे की लाइट काटी। फिर चारों को सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मनोज को मृत घोषित कर दिया। सूर्यवंती, नोखी व दीनदयाल का इलाज चल रहा है।

कैसरबाग इंस्पेक्टर सुधाकर सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि लोहे की सीढ़ी में करंट उतरने से मजदूर झुलस गए।

कहा कि तीन माह से लखनऊ पब्लिशिंग हाउस में मरम्मत का काम चल रहा है। सात मजदूर सहित अन्य लोग मरम्मत के काम में लगे थे। जिस कमरे में हादसा हुआ उसमें अंधेरा और काफी सीलन थी। इसके चलते बृहस्पतिवार को ही कमरे में ट्यूबलाइट लगवाई गई थी। 

सरफराज के मुताबिक शाम चार बजे मजदूरों के लिए चाय मंगवाई गई थी। हादसे का शिकार हुए लोग अंदर थे और जैसे ही चाय निकालने के लिए ट्यूबलाइट चालू की, कमरे में करंट उतर आया। तीन दीवारों का प्लास्टर पूरा हो चुका था। चौथी दीवार पर काम चल रहा था। इस दौरान सभी को करंट लग गया।

हादसे में झुलसे नोखी ने बताया कि जब उन्हें करंट लगा तो ऐसा लगा कि मुंह से खून निकल आया। झटका इतना तेज था कि मनोज तो बेहोश हो गए और बाकी लोग थर-थर कांपने लगे। चीख पुकार पर अगर समय से लाइट न काटी गई होती तो सभी की जान चली जाती।