उत्तरप्रदेश के विद्युतकर्मियों की हड़ताल के कारण कई जिलों में बिजली सप्लाई बाधित।

बिजली मंत्री एके शर्मा ने माना है कि राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ी संस्था एसएनडीसी में काम ठप किया गया है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि काम में दखल करने वालों के खिलाफ सख्ती होगी। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

उत्तरप्रदेश के विद्युतकर्मियों की हड़ताल शुरू; हड़ताल के कारण कई जिलों में बिजली सप्लाई बाधित।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 17 मार्च।

बिजली मंत्री एके शर्मा ने माना है कि राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ी संस्था एसएनडीसी में काम ठप किया गया है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि काम में दखल करने वालों के खिलाफ सख्ती होगी। 

सरकार ने आंदोलन पर कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं आने वाले संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने और प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है।

बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते 1030 मेगावॉट क्षमता की इकाइयां अब तक ठप हो गई हैं। 

मुख्य सचिव और डीजीपी ने सभी जिलों के डीएम, पुलिस कमिश्नर और एसपी पुलिस अधीक्षक को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।

बिजली विभाग के अपर मुख्य सचिव, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने भी कर्मियों को हड़ताल से दूर रहने के निर्देश दिए हैं।

बिजलीकर्मियों की हड़ताल के बीच इंजीनियर दो भागों में बंटे दिख रहे हैं। दूसरे धड़े ने हड़ताल के मद्देनजर अपने अभियंताओं को दो घंटे अतिरिक्त काम करने को कहा है। 

हड़ताल का आह्वान करने वाली 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि प्रदेश के करीब एक लाख बिजलीकर्मियों ने रात 10 बजे से तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि आनपारा, ओबरा, पारिछा और हरदुआगंज विद्युत संयंत्रों में रात्रि पाली के सभी कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता हड़ताल पर चले गए हैं। ताप बिजली घरों में रात्रि पाली में शत- प्रतिशत हड़ताल हो गई है।

शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 3 दिसंबर 2022 को प्रदेश सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच समझौता हुआ था। सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था। अब तीन महीने से अधिक समय गुजर चुका है। मगर समझौते पर अमल नहीं हुआ। 

उन्होंने बताया कि सरकार ने समझौते में कहा था कि बिजली कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिए ही किया जाएगा। लेकिन, इस व्यवस्था को बंद करके अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है। यह टकराव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने देर शाम प्रेस कांफ्रेंस में हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत बिजलीकर्मी अगर हड़ताल में शामिल होते हैं, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। हड़ताल के मद्देनजर प्रदेश भर में अलर्ट घोषित किया गया है। 

मंत्री ने दावा किया कि कई बिजली संगठनों ने इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है और बहुत से कर्मचारी काम करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने बिजली कर्मचारियों को काम करने से रोका तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि हड़ताल के दौरान कोई 'नुकसान' पहुंचाया गया तो रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

एके शर्मा ने कहा कि हड़ताल से अगर जनता को परेशानी हुई तो सरकार हड़ताल कर रहे बिजलीकर्मियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत कार्रवाई करेगी। सरकार ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिये बंदोबस्त किये हैं। 

बिजली मंत्री ने कहा कि हड़ताल की घोषणा करने वाले संगठनों से सरकार लगातार बात कर रही है। आज भी दो घंटे तक बातचीत हुई मगर 'हठधर्मी' लोग बात सुनने को तैयार नहीं हैं। हालांकि सरकार ने बातचीत का रास्ता अब भी खुला रखा है।

बिजली मंत्री ने कहा कि सरकार ने बिजलीकर्मियों के साथ पिछली तीन दिसंबर को हुए समझौते के कई बिंदुओं पर कदम उठाए हैं। बाकी बिंदुओं पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। 

इस बीच, बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े 'उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन' ने 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' द्वारा घोषित हड़ताल के मद्देनजर सभी जिलों में अपने सदस्यों से कहा है कि वे दो घंटे अनिवार्य रूप से अतिरिक्त काम करें ताकि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था ठीक रहे।

एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन बिजली अभियंताओं को खास तौर से जिम्मेदारी दी गई है, जो बाधित बिजली आपूर्ति को ठीक करने में माहिर हैं।

शैलेंद्र दुबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देश भर के करीब 27 लाख बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया। 

एनसीसीओईईई के राष्ट्रीय संयोजक प्रशान्त चौधरी ने कहा है कि अगर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो अन्य राज्यों के 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे। ऐसे किसी भी दमनकारी कदम का देशभर में पुरजोर विरोध किया जाएगा।

यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजलीकर्मियों के हड़ताल के तीसरे दिन भी स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने प्रदेश की जनता का आश्वस्त किया है कि सप्लाई और डिमांड नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि कुछ समस्या और चुनौती की बात है। उन्होंने जनता और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे सहयोग करें। बिजली सप्लाई को दुरुस्त करने वाले लोगों को अपना काम करने दें। काम में विध्न डालने वाले की पहचान करने का निर्देश दिया गया है। कानून हाथ में न लेने की बात उन्होंने कही है।

मंत्री एके शर्मा ने कहा कि कुछ बिजलीकर्मियों ने लाइन बर्स्ट करने की कोशिश की। इस प्रकार की कोशिश करने वालों की पहचान की जाएगी। ऐसे लोग कहीं भी छुपे हों, उन्हें पहचान कर कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। बिजली मंत्री ने कहा कि बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं। संघर्ष समिति को उन्होंने बातचीत के लिए आमंत्रित किया।