माध्यमिक शिक्षकों की मांगें पूरी न होने पर मूल्यांकन का बहिष्कार किया जाएगा।

विभिन्न गुटों ने निर्णय लिया है कि 'समन्वय समिति' के माध्यम से 10 मार्च को सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा और अगर मांगें पूरी न हुई तो 18 मार्च से शुरू होने वाले यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं करेंगे।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

माध्यमिक शिक्षकों की मांगें पूरी न होने पर मूल्यांकन का बहिष्कार किया जाएगा।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 4 मार्च।

विभिन्न गुटों ने निर्णय लिया है कि 'समन्वय समिति' के माध्यम से 10 मार्च को सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा और अगर मांगें पूरी न हुई तो 18 मार्च से शुरू होने वाले यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं करेंगे।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षकों के विभिन्न घटकों की शुक्रवार को राजधानी स्थित रायल होटल में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता विधान परिषद सदस्य राज बहादुर सिंह चंदेल ने की और शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया।

माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण किए जाने, वित्त विहीन शिक्षकों को मानदेय देने और सेवा नियमावली बनाने, चिकित्सा भत्ता और यूपी बोर्ड परीक्षा के पारिश्रमिक की दर सीबीएसई बोर्ड की भांति किए जाने सहित विभिन्न मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। 

संगठन के एक प्रवक्ता ने बताया कि सभी जिलों मे जिला अध्यक्ष व मंत्री अपने-अपने जिलों में बैठक कर रणनीति बनाएंगे। 

माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी बैठक में तो नहीं आए लेकिन फोन कर उन्होंने भी बैठक को संबोधित किया और कहा कि 15 मार्च को बैठक कर संगठन के समन्वय समिति में शामिल होने का फैसला करेंगे। 

बैठक में उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के साथ-साथ उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान शंकर त्रिवेदी, राजकीय शिक्षक संघ की अध्यक्ष छाया शुक्ला व आदर्श शिक्षक संघ की अध्यक्ष आशा लता सिंह भी मौजूद रहीं।