पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने सपा छोड़ दिया। पुनः भाजपा ज्वाइन करने के लक्षण।

मऊ के घोसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए दारा सिंह ने अमित शाह से मुलाकात करने के बाद विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने सपा छोड़ दिया। भाजपा ज्वाइन करने के लक्षण।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 16 जुलाई।

मऊ के घोसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए दारा सिंह ने अमित शाह से मुलाकात करने के बाद विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर बातचीत फाइनल होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक भाजपा या दारा सिंह चौहान की ओर से नहीं की गई है। 

लेकिन इस बीच एएनआई ने दारा सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की एक तस्वीर जारी की है। 

दारा सिंह चौहान ने रविवार को अपना इस्तीफा ई-मेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेजा। उन्होंने फोन से भी महाना से बात की। 

शनिवार व रविवार को अवकाश की वजह से माना जा रहा है कि उनका इस्तीफा सोमवार को स्वीकार कर लिया जाएगा। 

दारा सिंह चौहान योगी-1 सरकार में वन मंत्री थे और पिछले साल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले वह सपा में शामिल हुए थे। 

तब उनके शामिल होने को सपा ने बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया था। पिछड़ा वर्ग समाज (नोनिया जाति) से आने वाले दारा सिंह चौहान मऊ और आजमगढ़ में अपने सजातीय समाज में खासा दखल रखते हैं। 

लोकसभा चुनाव से पहले उनका पार्टी छोड़ना सपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

दारा सिंह ने राजनीति की शुरुआत बसपा से की थी। वह साल 1996 व 2000 में राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा वह 2009 में बसपा के टिकट पर घोसी से लोकसभा चुनाव जीते। 

फरवरी 2015 में उन्होंने दिल्ली में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के सामने पार्टी की सदस्यता ली। वर्ष 2017 में वह मधुबन से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बने। 

दारा सिंह वर्ष 2022 में सपा के टिकट पर घोसी से विधायक जरूर चुने गए, लेकिन चुनाव के बाद सपा से उनके रिश्ते सहज नहीं रहे।

विगत दिनों काफी समय से उनके भाजपा में जाने की चर्चा चल रही थी। दारा सिंह चौहान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नजदीकी माने जाते हैं। 

वर्ष 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह के साथ उन्होंने वहां कई दिन चुनाव प्रचार भी किया था। 

सूत्रों के मुताबिक, दारा सिंह भाजपा के टिकट पर फिर से घोसी से चुनाव लड़ सकते हैं।

इस्तीफा देने और दूसरी पार्टी ज्वाइन करने के सवाल पर दारा सिंह ने कहा कि मैं अभी दिल्ली में हूं। अपने इस्तीफे के कारणों और अगले कदम के बारे में शीघ्र ही लखनऊ आकर औपचारिक जानकारी दूंगा।

उधर सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि दारा सिंह चौहान ने पार्टी के लिए कोई त्यागपत्र नहीं भेजा है और विधानसभा से इस्तीफा भेजने के बाद इसका कोई औचित्य भी नहीं रह गया है। दारा सिंह चौहान ने विश्वासघात किया है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा के पास लोकसभा प्रत्याशी बनाने लायक कोई नेता नहीं है, इसलिए दारा सिंह को अपने साथ ले रही है‌ दारा सिंह चौहान और भाजपा दोनों के लिए राजनीति में नैतिक मूल्यों के कोई मायने नहीं हैं। 

आगे कहा कि सपा ने उन्हें विधायक बनाकर पूरा सम्मान दिया। सरकार होने की स्थिति में ही इससे ज्यादा कुछ दिया जा सकता था।