अतीक अशरफ हत्याकांड की स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई।

उक्त याचिका में 2017 के बाद से अभी तक प्रदेश में हुए 183 एनकाउंटरों की भी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में स्वतंत्र जांच करवाने की भी मांग की गई है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

अतीक अशरफ हत्याकांड की स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 24 अप्रैल।

उक्त याचिका में 2017 के बाद से अभी तक प्रदेश में हुए 183 एनकाउंटरों की भी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की गई है।

प्रदेश सरकार ने भी इसे लेकर मजबूती से अपना पक्ष रखने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार ने पहले ही न्यायिक आयोग व पुलिस ने एसआईटी का गठन करके जांच शुरू करवा दिया है।

उल्लेखनीय है कि पुलिस की कस्टडी में 15 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की अस्पताल में मेडिकल करवाने लेकर पहुंची पुलिस टीम व मीडिया के सामने तीन शूटर्स ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। 

इसके बाद बीते सोमवार को अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके हत्याकांड की स्वतंत्र जांच की मांग की थी। 

उन्होंने याचिका में 2017 से लेकर अभी तक उत्तर प्रदेश में किए गए 183 एनकाउंटरों की भी स्वतंत्र जांच की मांग की है। मामले को लेकर सरकार का पक्ष मजबूती से रखने के लिए दो दिन पहले से ही दो वरिष्ठ आईपीएस अफसर सारे दस्तावेजों के साथ दिल्ली में डेरा जमा चुके हैं।

बताते चलें कि अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या के जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के बाद सरकार ने अतीक के बेटे असद व गुलाम के एनकाउंटर की जांच के लिए भी दो सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज राजीव लोचन महरोत्रा व रिटायर्ड डीजी विजय कुमार गुप्ता शामिल होंगे।

उमेश पाल की हत्या के बाद से ही पुलिस असद व गुलाम सहित गुड्डू मुस्लिम तथा अन्य हत्यारोपियों की तलाश में जुटी थी। गुड्डू मुस्लिम की लोकेशन ट्रैक होने के बाद पुलिस ने झांसी सीमा पर अधिक सतर्कता बढ़ा दी थी।

13 अप्रैल को पावर प्लांट के डैम के पास कच्चे रास्ते पर एसटीएफ व पुलिस की टीम की घेराबंदी में फंसने के बाद असद व गुलाम का एनकाउंटर किया गया था। 

इसी एनकाउंटर के बाद अतीक अहमद भी टूट गया था और उसने पुलिस के कुछ अधिकारियों को धमकी भी दी थी, लेकिन दो दिन बाद उसकी भी हत्या प्रयागराज में मेडिकल करवाने के लिए ले जाते समय कर दी गई थी।

पुलिस के पास असद के झांसी में छिपे होने की सूचना कई दिनों से थी। यही वजह थी कि झांसी को पुलिस ने अपने रडार पर ले रखा था। 

पावर प्लांट इलाके में कच्ची पगडंडी पर असद का जब पुलिस व एसटीएफ की टीम पीछा कर रही थी तो सामने पुलिस की टीम आने के बाद बाइक फिसलकर गिरने से असद व गुलाम घिर गए थे। उनकी फायरिंग पर जवाबी फायरिंग में उनका एनकाउंटर कर दिया गया था। सरकार ने इस एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब व निष्पक्ष जांच के लिए के लिए दो सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया।