10 साल की सजा सुनकर रो पड़ा मुख्तार अंसारी, भाई अफजाल अंसारी भी दोषी करार

अंसारी ब्रदर्स को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है, कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया है, अफजाल को चार साल की सजा मिली है। गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है। मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में जुड़ा जबकि अफजाल कोर्ट में पेश हुए।
 
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मुख्तार अंसारी को गैंगेस्टर मामले में मिली 10 साल की सजा, 5 लाख जुर्माना, भाई अफजाल को मिली 4 साल की सजा और 1 लाख जुर्माना।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 29 अप्रैल:- मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है, कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया है, अफजाल को चार साल की सजा मिली है। गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है। मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में जुड़ा जबकि अफजाल कोर्ट में पेश हुए।

क्या था पूरा मामला- यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। एजाजुल हक का देहांत हो चुका है। इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी, पहले इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में तारीख को बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दिया गया था। इस मामले में साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था। भाई अफजाल की सांसदी भी गई।

क्या है जनप्रतिनिधितव कानून ऐक्ट- दरअसल, जनप्रतिनिधितव कानून ऐक्ट-1951 के धारा-1 और धारा-2 में नियम है कि यदि कोई सांसद या विधायक रेप, हत्या करने की कोशिश करता है या फिर संविधान को अपमानित करने के उद्देश्य से किसी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होता है तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। इसके अलावा इस एक्ट की धारा-3 के अनुसार, यदि किसी सांसद या विधायक को दोषी मानते हुए कोर्ट दो या इससे ज्यादा साल की सजा सुनाती है, तब भी उसकी सदस्यता को रद्द किया जा सकता है। साथ ही आगामी 6 सालों तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाती है।