अब स्वामी प्रसाद ने एक नया चिंतन पेश किया। बोला कि बौद्ध मठों को तोड़कर हिन्दू मंदिर बनाए गए हैं।

अब स्वामी प्रसाद ने नया चिंतन पेश किया। बोला कि बौद्ध मठों को तोड़कर हिन्दू मंदिर बनाए गए हैं।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 28 जुलाई।
स्वामी प्रसाद बोला कि पुरातत्व विभाग को सभी हिंदू मंदिरों की जांच करनी चाहिए। इनमें से अधिकांश मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। यहां तक कि बद्रीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था।
समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी प्रकरण का संदर्भ लेकर कहा है कि अगर पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है, तो सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच कराई जानी चाहिए। इनमें से अधिकांश मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। यहां तक की बद्रीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था।
स्वामी प्रसाद मौर्य बोला है कि शीघ्र ही वह यह फेहरिस्त सामने रखेंगे कि कौन से बौद्ध मठ तोड़कर मंदिर बनाए गए हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा हिंदू धर्म स्थलों की पहले क्या स्थिति थी? इसकी भी जांच होनी चाहिए। कहा कि गड़े मुर्दे उखाड़े जाएंगे तो बात बहुत दूर तक जाएगी। बेहतर तो यह रहेगा कि समाज में भाईचारा और सौहार्द बना रहे, इसलिए 15 अगस्त 1947 को देश में जिस धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे बरकरार रखा जाए।
जब पूछा गया की बौद्ध मठ तोड़कर मंदिर बनाने की बात कहने का आधार क्या है, तो बोला कि एएसआई से जांच कराएं तो आधार मिल जाएगा। विकिपीडिया का हवाला देते हुए कहा की आठवीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था। आदि शंकराचार्य ने उसे हिंदू मठ में परिवर्तित किया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, मैं किसी एक धर्म का ठेकेदार नहीं हूं। सभी धर्मों में मेरी आस्था है और सभी का सम्मान करता हूं।