पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 14 सुंदरियों को मैदान में उतारा, भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को फंसाने के लिए।

इंटेलीजेंस मुख्यालय ने हनीट्रैप के लिए इस्तेमाल की जा रही इन सुंदरियों की फोटो, मोबाइल नंबर व यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) साझा करते हुए अफसरों को सचेत किया है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 14 सुंदरियों को मैदान में उतारा, सुरक्षा अधिकारियों को फंसाने के लिए।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 2 जून।

इंटेलीजेंस मुख्यालय ने हनीट्रैप के लिए इस्तेमाल की जा रही इन सुंदरियों की फोटो, मोबाइल नंबर व यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) साझा करते हुए अफसरों को सचेत किया है।

आईएसआई इंटरनेट मीडिया को हथियार बनाकर पहले भी ऐसे हमले करती रही है। 

इंटेलीजेंस मुख्यालय से जारी अलर्ट में अधिकारियों और उनके स्वजन को भी इंटरनेट मीडिया पर इन सुंदरियों से बचने की सलाह दी गई है।

आईएसआई की इकाई पीआईओ (पाकिस्तान इंटेलीजेंस आपरेटिव) ने सुंदर युवतियों की तस्वीर लगाकर वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम व इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर अकाउंट बनाए हैं। 

ये सभी अकाउंट भारतीय मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर खोले गए हैं। जारी अलर्ट में कहा गया है कि यूपी पुलिस व अन्य सुरक्षा संबंधी विभागों व संगठनों के अधिकारियों व कर्मियों के अलावा उनके परिवारीजन के खिलाफ भी हनीट्रैप की साजिश की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीआईओ की महिला एजेंट अधिकारियों को आडियो व वीडियो काल करके अश्लील बातें करके अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रही हैं। 

इन आडियो-वीडियो रिकार्डिंग्स को सार्वजनिक करने का भय दिखाकर उनसे देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील व गोपनीय सूचनाएं इकट्ठा करने की कोशिश जा रही हैं।

स्पाइवेयर लिंक के माध्यम से उनके मोबाइल व लैपटाप से डाटा हैक किया जा सकता है। फिलहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। 

अभी किसी भी अधिकारी के जाल में फंसने की पुष्टि तो नहीं हुई है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को इंटरनेट मीडिया की सघन मानीटरिंग कराने तथा अधीनस्थों को इसकी जानकारी देने को कहा गया है। यह अलर्ट 26 जून को जारी किया गया है। जांच व खुफिया एजेंसियां भी छानबीन में जुटी हैं।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां बीते सात-आठ वर्षों से हनीट्रैप के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही हैं। 

वर्ष 2018 में यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र एटीएस की मदद से नागपुर स्थित ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को जासूसी के संदेह में गिरफ्तार किया था।

ऐसे ही ऐसे ही वर्ष 2016 में बीएसएफ का जवान अच्युतानंद मिश्रा हनीट्रैप का शिकार हुआ था। अब तक हनीट्रैप के कई मामले सामने आ चुके हैं। 

उल्लेखनीय है कि आईएसआई इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सेना, अर्धसैनिक बल व पुलिस में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं पर भी नजर रखती है।