घूंसखोरी के मामले में गिरफ्तार रेल अभियन्ता हरीश कुमार से पूंछतांछ के बाद कई अन्य पर कसा शिकंजा।

घूंसखोरी के मामले में गिरफ्तार रेल अभियन्ता हरीश कुमार से पूंछतांछ के बाद कई अन्य पर कसा शिकंजा।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
लखनऊ, 11 नवम्बर
सीबीआई ने उत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियन्ता हरीश कुमार को ठेकेदार से रिश्वत लेने पर गिरफ्तार किया था। उनसे पूंछतांछ के बाद पांच अन्य सहकर्मी भी चपेट में आए हैं। साथ ही साथ रिश्वत देने वाले पिता पुत्र भी चपेट में आए।
एक तरफ जहां पांच अधिकारियों पर शिकंजा कसा है, वहीं घूस देने आए ठेकेदार पिता-पुत्र भी गिरफ्तार हैं।
सीबीआई ने लखनऊ में उत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियंता हरीश कुमार को पांच लाख रुपये घूस लेते पकड़ा था।
उसके बाद दो अन्य उप मुख्य अभियंताओं समेत अन्य रेल कर्मियों के विरुद्ध भी अपनी जांच तेज की है। जल्द उन पर भी शिकंजा कसेगा।
सीबीआई ने घूसखोरी के इस मामले में लखनऊ में तैनात उत्तर रेलवे के दो अन्य उप मुख्य अभियंता जय कृष्ण व सुखबीर सिंह को भी अभियुक्त बनाया है।
घूसखोरी मामले में रेलवे के उप मुख्य अभियंता हरीश कुमार की पुलिस ने रिमांड पर लिया है।
जिसके बाद दो अन्य उप मुख्य अभियंता समेत पांच कर्मियों को भी नामजद आरोपित बनाया है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने लखनऊ में उत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियंता हरीश कुमार को पांच लाख रुपये घूस लेते पकड़ा था। उसके बाद दो अन्य उप मुख्य अभियंताओं समेत अन्य रेल कर्मियों के विरुद्ध भी अपनी जांच तेज की है। जल्द उन पर भी शिकंजा कसेगा।
सीबीआई ने घूसखोरी के इस मामले में लखनऊ में तैनात उत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियंता जय कृष्ण व सुखबीर सिंह के अलावा उत्तर रेलवे जौनपुर में तैनात सहायक अभियंता लालचंद, रेल पथ निरीक्षक प्रशांत कश्यप व सियाराम के विरुद्ध भी नामजद रिपोर्ट दर्ज की है।
वहीं मथुरा कोसी कलां निवासी ठेकेदार वीरेन्द्र तोमर व उसके एक बेटे के अलावा वीरेन्द्र के दूसरे बेटे रोहित तोमर को भी आरोपित बनाया गया है।
सीबीआई ने उप मुख्य अभियंता हरीश कुमार के साथ उन्हें घूस की रकम देने पहुंचे ठेकेदार वीरेन्द्र तोमर व उसके बेटे को भी गिरफ्तार किया था।
आरोपितों के लखनऊ, जौनपुर व कोसी कलां स्थित ठिकानों पर छापेमारी में 52 लाख रुपये नकद, संपत्तियों के कई दस्तावेज व कई इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए गए थे।
जांच में सामने आया था कि ठेकेदारों के बकाया भुगतान के लिए पक्षपात करने व प्रक्रिया को जल्द पूरा कराने के बदले रिश्वत ली जा रही थी।
आरोप है कि षड्यंत्र के तहत उत्तर रेलवे के अधिकारी व कर्मचारी बकाया भुगतानों में फेरबदल व अनुचित पक्षपात कर रहे थे। सीबीआई मामले में अन्य आरोपितों की भूमिका की गहनता से जांच कर रही है।