लव जिहाद और मतांतरण के मामलों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जन जागरण करेगा।

लव जिहाद और मतांतरण के मामलों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जन जागरण करेगा।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 25 सितम्बर।
अवध प्रांत के प्रवास पर लखनऊ आए सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत ने संघ के सांगठनिक विस्तार और उसके सरोकारों को लेकर रविवार को जिला, नगर व प्रांत कार्यवाह और संघचालकों के साथ बैठकें कीं।
उन्होंने कहा कि सांगठनिक विस्तार की दृष्टि से संघ हर आयु वर्ग और विभिन्न वर्ग के लिए शाखाएं आयोजित करेगा। संघ की योजना सभी बस्तियों में युवा विद्यार्थी और युवा व्यवसायी शाखा स्थापित करने की है।
बैठक में संघ प्रमुख ने ग्रामीण अंचल में समाजविरोधी और बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती जैसे नेपाल की सीमा से सटे जिलों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की रोकथाम के लिए संघ का काम विशेष तौर पर बढ़ाने का आह्वान किया।
लव जिहाद और मतांतरण की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इनके प्रतिकार के लिए हमें जनमानस को तैयार करना होगा। इस संदर्भ में हिंदू समाज को उसकी जिम्मेदारी समझानी होगी। संघ को इसके लिए वातावरण बनाना होगा।
सरसंघचालक ने कहा कि समाज इन प्रवृत्तियों का विरोध कर सके, इसमें संघ सहयोग देगा। यह भी ध्यान देना होगा कि इससे सामाजिक विद्वेष न फैले। उन्होंने कहा कि मतांतरण के उद्देश्य से किसी मोहल्ले या क्षेत्र में पादरी, नन और मौलाना का आना-जाना होता है तो स्थानीय निवासियों को इस पर नजर रखनी होगी और इसका प्रतिकार करना होगा। संघ इसके लिए हिंदू समाज को जागरूक करे। उन्होंने सिख, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के बीच सामाजिक सद्भाव बढ़ाने पर भी जोर दिया।
संघ की शाखाओं के विस्तार पर भी संघ प्रमुख ने विशेष बल दिया। इसी कड़ी में उन्होंने तरुण शाखा, विद्यार्थी शाखा, व्यावसायिक शाखा, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए शाखा आयोजित करने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक दस हजार की जनसंख्या की बस्ती में हमें एक युवा विद्यार्थी और एक युवा व्यवसायी शाखा स्थापित करनी है। विद्यार्थी शाखा के जरिये हमें योग्य कार्यकर्ता तैयार करना है। वहीं व्यवसायी शाखा के माध्यम से हमें समाज में अपने कार्यों और सेवा प्रकल्पों को विस्तार देना है क्योंकि व्यवसायी ही इन कार्यों के लिए धन और समय खर्च कर सकता है। समाज में उसकी पैठ भी होती है। उन्होंने लखनऊ महानगर में 1000 शाखाएं स्थापित करने का लक्ष्य दिया।
उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं को दक्ष बनाने के लिए अभ्यास वर्ग की सक्रियता पर जोर दिया। संघ के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए टोलियों के निर्माण और उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। कहा कि जिला, खंड और नगर जैसी इकाइयां धरातल पर काम करती हैं।
संघ के विस्तार में इन इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने क्षेत्र, प्रांत और विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि इन निचली इकाइयों के साथ के साथ संपर्क, संवाद और समन्वय बढ़ाएं। इन इकाइयों के पदाधिकारियों की व्यक्तिगत समस्याओं को भी सुलझाएं।
सरसंघचालक ने मणिपुर में जातीय हिंसा की समस्या को राजनीतिक कारणों की देन बताया। कहा कि वहां 1991-92 जैसी परिस्थितियां वापस लौट आई हैं। इस समस्या का जल्दी निदान होता नहीं दिखता है।